Budget session of Chhattisgarh Assembly: सदन में उठा फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला: मंत्री ने बताया राज्‍य में हैं ऐसे 232 प्रकरण

Budget session of Chhattisgarh Assembly: फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा आज विधानसभा में उठा। सदन में प्रश्‍नकाल के दौरान इस पर सवाल हुआ था। इस पर मंत्री ने सदन में जानकारी दी।

Update: 2024-02-27 07:37 GMT

Budget session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के विभिन्‍न विभागों में काम कर रहे कुल 232 लोगों के खिलाफ पर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायत है। इनमें 102 के खिलाफ कार्यवाही लंबित है।

विधायक आशा राम नेताम ने आज सदन में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा उठाया। मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि 60 मामलों में विभाग स्‍तर पर कार्यवाही लंबित है। वहीं, 33 प्रकरणों में बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्‍थगन आदेश दिया है और 6 प्रकरण कोर्ट के विचाराधीन है। कुछ मामले में उच्‍च स्‍तरीय छानबीन के पास विचाराधीन है।

बता दें कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे लोगों को सेवा से बाहर करने की मांग को लेकर जुलाई 2023 विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक संगठन के युवाओं ने विधानसभा रोड पर नग्‍न प्रदर्शन किया था। यह मुद्दा राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चर्चा में रहा। विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने भी इसे जोरशोर से उठाया था।

जैजैपुर में पावर प्‍लांट की जमीन किसानों को होगी वापस?: जानिए... विधानसभा में पूछे गए इस प्रश्‍न पर सरकार ने किया दिया जवाब...

रायपुर। जैजैपुर में पावर प्‍लांट लगाने के लिए राज्‍य सरकार और मोजर वेयर पावर प्‍लांट के बीच समझौता (एमओयू) हुआ था। यह एमओयू 2008 में हुआ था। समझौते के तहत कंपनी को 65 से 70 महीने में प्‍लांट की पहली यूनिट को चालू कर लेना था, लेकिन कंपनी संयंत्र स्‍थापित करने में असफल रही। ऐसे में शर्तों के तहत सरकार ने कंपनी को आवंटित जमीन वापस ले ली है। यह जानकारी आज विधानसभा में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल ने बालेश्‍वर साहू के प्रश्‍न के जवाब में दिया।

मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय की अनुपस्थिति में उनके विभाग से जुड़े प्रश्‍नों का उत्‍तर दे रहे मंत्री जायसवाल ने बताया कि कंपनी के साथ किया गया एमओयू भी निरस्‍त कर दिया गया है। इस पर विधायक साहू ने पूछा कि प्‍लांट के लिए क्षेत्र के किसानों की जमीन ली गई थी। किसानों ने भी इस उम्‍मीद क साथ कंपनी के लिए जमीन दी थी कि प्‍लांट लगेगा तो उन्‍हें भी रोजगार मिलेगा, लेकिन अब प्‍लांट नहीं लग रहा है तो क्‍या सरकार किसानों को उनकी जमीन वापस करेगी। साहू ने बस्‍तर के लोहांडीगुड़ा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां टाटा कंपनी के लिए जमीन अधिग्रहीत की गई थी, लेकिन जब प्‍लांट नहीं लगा तो किसानों को जमीन लौटा दी गई।

इस पर मंत्री जायसवाल ने बताया कि टाटा से यह प्रकरण अलग है। उन्‍होंने बताया कि टाटा ने लोगों से सीधे जमीन लिया था, लेकिन यहां राज्‍य सरकार ने भूमि अधिग्रहीत की और फिर कंपनी को दी गई थी। इस वजह से यह जमीन किसानों को वापस नहीं हो सकता।जमीन राज्‍य के औद्योगिक विकास निगम के लैंड बैंक में रखा गया है। सरकार वहां बड़ा उद्योग लगाने के लिए बड़े निवेशकों से चर्चा कर रही है।

शराब पर सत्‍ता पक्ष के विधायकों ने ही घेरा सरकार को: मंत्री ने की प्‍लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की घोषणा

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सरकारी शराब दुकानों के लिए मैन पावर सप्‍लाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ जांच की मांग को लेकर आज सदन में हंगामा खड़ा हो गया। बीजेपी विधायकों ने एजेंसी के खिलाफ जांच कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की। इससे पहले सवालों का जवाब दे रहे स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पहले ही इस मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्‍य सरकार की एजेंसी एसीबी-ईओडब्‍ल्‍यू जांच कर रही है। इस पर भाजपा विधायकों ने सवाल किया तो क्‍या प्‍लेसमेंट एजेंसी की जांच नहीं होगी। बाहर जाकर हम प्रदेश की जनता को क्‍या उत्‍तर दें। इस दौरान कांग्रेस के विधायकों भी अपने स्‍थान पर खड़े हो गए। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि अब बीजेपी वालों को ईडी और ईओडब्‍ल्‍यू पर भी भरोसा नहीं है। इसकी वजह से सदन में काफी शोरशराबा होने लगा। इस बीच मंत्री जायसवाल ने प्‍लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ भी जांच कराने की घोषणा सदन में कर दी।

शराब का यह मामला आज सदन में प्रश्‍नकाल के दौरान उठा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने वर्ष 2019 से लेकर 2023 के बीच राज्‍य में शराब का ठेका और आपूर्ति आदि को लेकर प्रश्‍न किया था। आबकारी विभाग मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय के पास है, लेकिन आज सदन में उनकी अनुपस्थिति में आबकारी विभाग के सवालों का जवबा दे रहे स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जायसवाल ने बताया कि राज्‍य में शराब नीति बनी हुई है उसकी के तहत शराब की खरीदी होती है। इसके बाद मूणत ने केवल 3 ही डिस्‍लरी के माध्‍यम से देशी शराब की आपूर्ति पर प्रश्‍न किया। इस पर मंत्री ने बताया कि प्रदेश में देशी शराब की 3 ही डिस्‍लरी है। ऐसे में पूरे राज्‍य को 8 जोन में बांटकर टेंडर किया गया था। मूणत ने एक ही डिस्‍लरी द्वारा लगातार शराब आपूर्ति पर सवाल उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि जिसे टेंडर मिलेगा वही शराब की सप्‍लाई करेगा।

इसके बाद शराब दुकानों में मैन पावर (कर्मचारी) सप्‍लाई, ओवर रेटिंग और मिलावट पर प्रश्‍न उठा। मंत्री ने बताया कि इन मामलों में बड़े पैमाने पर कार्यवाही की गई है। 500 से ज्‍यादा प्‍लेसमेंट कर्मियों को सेवा से पृथक किया गया है। मूणत ने पूछा कि उस प्‍लेसमेंट एजेंसी प क्‍या कार्यवाही की गई है। इस पर मंत्री ने उत्‍तर दिया कि प्‍लेसमेंट एजेंसी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है और वह आज भी राज्‍य में काम कर रही है। इसके बाद मूणत की तरफ से सवाल हुआ कि क्‍या सरकार इसकी जांच कराएगी। मंत्री ने कहा कि ईडी और ईओडब्‍ल्‍यू पहले से शराब मामले की जांच कर रही है। मंत्री के इस जवाब से असंतुष्‍ट सत्‍ता पक्ष के विधायक अपने स्‍थान पर खड़े हो गए और जांच की मांग करने लगे। इसके बाद मंत्री ने इस मामले की भी जांच करने की घोषणा कर दी।

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