Budget session of Chhattisgarh Assembly: चना की MSP पर खरीदी: चना का बढ़ रहा है रकबा, क्या सरकार करेगी समर्थन मूल्य पर खरीदी, मंत्री बोले...
Budget session of Chhattisgarh Assembly: प्रदेश में चना सहित अन्य दलहनी फसलों का रकबा बढ़ रहा है। ऐसे में इनकी समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग उठने लगी है। आज विधानसभा में भी इसको लेकर सवाल हुआ।
Budget session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। दलहनी फसलों की समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी का मामला आज विधानसभा में प्रश्नकाल में उठा। कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने इसको लेकर सरकार से सवाल किया। पूछा क्या सरकार चना सहित अन्य दलहनी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगी। इस पर मंत्री ने कहा कि चना की बाजार में कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा है, इस वजह से किसान इसे सरकारी मंडी में बेचने नहीं आते हैं।
कृषि मंत्री राम विचार नेताम की अनुपस्थिति में प्रश्न का उत्तर देने के लिए खड़े हुए संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 20 जिलों में दलहनी फसलों की खरीदी के लिए केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन कोई किसान बेचने नहीं आता है। इस पर विधायक सिन्हा ने कहा कि संजरी- बालोद का उदाहरण देते हुए कहा कि जल स्तर गिर रहा है ऐसे में किसान धान के स्थान पर चना की खेती ज्यादा कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में चना का रकबा कई गुना बढ़ा है। उन्होंने चना की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की मांग करते हुए राज्य के सभी जिलों में खरीदी केंद्र बनाने की मांग की। इस पर मंत्री ने कहा कि यदि किसान सरकारी मंडी में बेचने आएंगे तो निश्चित रुप से खरीदी की जाएगी और केंद्र भी बढ़ा दिए जाएंगे। हमारी सरकार में किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने दिया जाएगा। इसी प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि अरहर का समर्थन मूल्य 7 हजार, उड़द का 6950, मूंग कस 8558, चना 5440 और मसूर का मसर्थन मूल्य 6425 रुपये प्रति क्विंटल है।
गोबर खरीदी की होगी जांच: विधानसभा की समिति करेगी गोबर खरीदी के साथ पैरा परिवहन की जांच
रायपुर। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल गोधन न्याय योजना के तहत हुई गोबर खरीदी और पैरा परिवहन की जांच विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति करेगी। आज विधानसभा में इसको लेकर हुए सवालों का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री राम विचार नेताम की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यह घोषणा की।
पैरा परिवहन और गोबर खरीदी को लेकर बीजेपी के दो विधायकों ने प्रश्न लगाया था। पैरा परिवहन को लेकर अजय चंद्राकर ने सवाल किया। वहीं गोबर खरीदी पर लता उसेंडी ने प्रश्न किया था। चंद्राकर ने कहा कि पैरा परिवहन के नाम पर मनमानी की गई। परिवहन व्यय भुगतान के लिए कोई मापदंड तय नहीं था। उन्होंने इस पूरे मामले की विधायकों की समिति से जांच कराने की मांग की। इस पर मंत्री अग्रवाल ने पहले अधिकारियों की टीम बनाकर जांच करने की घोषणा की, लेकिन चंद्राकर ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि यह सब खेल उन्हीं लोगों ने किया है और वे ही जांच करेंगे। ऐसा नहीं हो सकता। इस पर अग्रवाल ने स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यदि आप चाहें तो विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति से जांच करा सकते हैं। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने इस पर सहमति दी।
अगला प्रश्न लता उसेंडी का गोबर खरीदी को लेकर था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जानकारी में कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने कम गोबर बेचा है, लेकिन उनके नाम पर ज्यादा खरीदी दिखाई गई है। उसेंडी ने कोंडागांव के एक किसान का उदाहरण देते हुए बताया कि उस किसान के पास केवल 10 मवेशी है और उन्होंने केवल 52 हजार किलो गोबर बेचा है, लेकिन उनसे खरीदी 52 लाख किलो से ज्यादा बताई गई है। उसेंडी ने कहा कि पैरा परिवहन की जांच हो रही है तो क्या गोबर खरीदी को भी उसमें शामिल किया जाएगा। इस पर मंत्री अग्रवाल ने सहमति दे दी। इस पर स्पीकर डॉ. रमन ने कहा कि ठीक है पैरा परिवहन के साथ इसकी भी जांच विधानसभा की समिति से करा ली जाएगी।