Budget session of Chhattisgarh Assembly 2024: मंत्री बोले-आप लोगों ने अति मचा रखा था: कार्यवाही करें तो कोई नहीं बचेगा, कांग्रेसी बोले- कर दो...

Budget session of Chhattisgarh Assembly 2024: सत्‍ता पक्ष की तरफ से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को लेकर लगातार प्रहार किया जा रहा है। आज विधानसभा में इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच नोंकझोंक हो गई।

Update: 2024-02-23 07:32 GMT
Chhatisgarh Vidhansabha Budget session 2025: सदन में गरमाया महतारी वंदन योजना का मुद्दा

Chhatisgarh Vidhansabha Budget session 2025

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Budget session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। विधानसभा में आज प्रश्‍नकाल के दौरान पूर्ववर्ती सरकार पर मंत्री की तरफ से की गई टिप्‍पणी को लेकर सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच नोंकझोंक हो गई। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने एक प्रश्‍न का उत्‍तर देते हुए कांग्रेस सदस्‍यों से कहा कि आप लोगों ने अति मचा रखा था। इस पर कांग्रेस विधायक लखेश्‍वर बघेल नाराज हो गए। उन्‍होंने कहा कि आप लोग बार-बार कहते हैं तो कार्यवाही करिए। इस पर मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कार्यवाही करेंगे तो कोई नहीं बचेगा।

मामला प्रश्‍नकाल के दौरान का है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक अनिला भेंड‍िया ने बालोद जिला में स्‍कूल जतन योजना के तहत स्‍वीकृत काम और निर्माण को लेकर प्रश्‍न किया था। भेंडिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने सभी कामों को रुकवा दिया है। इस पर मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कोई काम रोका नहीं दिया गया है। 724 कार्य पूर्ण हुए हैं। 234 अपूर्ण। 194 प्रगति। 40 अप्रारंभ है। किसी काम को रोका नहीं है। जो काम प्रारंभ नहीं हुआ टेंडर नहीं हुआ केवल उन्‍हें रोका गया है। परीक्षण के बाद उनका काम कराया जाएगा।

इससे आगे मंत्री अग्रवाल ने कहा कि आप लोगों ने इतनी अति की है, अब मैं उसके बारे में बोलूंगा...61 करोड़ के काम स्‍वीकृत किए गए, लेकिन एस्टीमेट किया का नहीं है। उन्‍होंने कहा कि किसी ने एक कमरे के लिए 20 लाख मांगा उसे 20 लाख दे दिए। किसी ने एक कमरा के लिए 30 लाख मांगा तो दे दिया। इसके बावजूद किसी भी प्रारंभ काम को रोका नहीं गया है। जो काम अपूर्ण है उसे ठेकेदार को पूरा करना है। जो 40 काम शुरू नहीं हुए हैं वहीं रुके हैं। 61 करोड़ का काम स्‍वीकृत हुआ। एक कमरे के लिए 20 लाख मांगा दे दिया। 30 लाख मांगा दे दिया।

इधर, अति करने के आरोप से आहत लखेश्‍वर बघेल ने कहा कि किसी भी कार्य की योजना अधिकारी बनाते हैं। स्‍वीकृत वे ही देते हैं और काम भी अधिकारी ही करतो हैं। इसमें हमारी सरकार में मंत्री- संतरी रहे लोगों की क्‍या गलती है। बघेल ने पूछा कि क्‍या जो अधिकारी अति किया होगा उस पर कार्यवाही करेंगे। इसकी के जवाब में मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कार्यवाही करेंगे तो कोई नहीं बचेगा।

दवाई में भी मिलावट: मंत्री ने बताया आयुर्वेदिक दवा में हो रही है मिलावट, 23 महीने में मिले 11 केस

रायपुर। आयुर्वेदिक दवाओं में ऐलोपैथिक दवाईयां मिलाई जा रही है। जनवरी 2022 से नवंबर 2023 के बीच ऐसे 11 केस मिले हैं। यह जानकारी विधानसभा में आज स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल ने बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक के एक प्रश्‍न के जवाब में दिया। मंत्री ने बताया कि मिलावट करने वालों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों में चालान कोर्ट में पेश किया जाता है।

मंत्री ने बताया कि 2022 में दर्ज सभी मामलों में चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया है। 2023 के मामलों की विवेचना चल रही है। मंत्री ने बताया कि दवाओं के जांच की प्रक्रिया लगातार चलती है। इसके लिए प्रदेश में चलती वाहन में लैब रहते हैं। कहीं पर लगता है तो तत्‍कला वहीं पर जांच करते हैं। मंत्री राज्‍य के लैब में मानव संसाधन कम है। केवल 5 प्रतिशत ही पद है। हमारे पास केवल यह पता करने की व्‍यवस्‍था है कि दवा में मिलावट है या नहीं। कितनी मिलावट है यह जानने के लिए सैंपल बाहर भेजना पड़ता है।

कबीर शोध पीठ में बिना फंड छप गई 3 किताबें: मंत्री बोले जादू से छापा होगा, विभाग लगाएगा पता...

रायपुर। कबीर शोध पीठ के माध्‍यम से 3 पुस्‍तकों के प्रकाशन का मामला आज विधानसभा में उठा। यह शोध पीठ राज्‍य के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्‍वव‍िद्यालय के अंतर्गत स्‍थापित है। शोध पीठों को लेकर बीजेपी के वरिष्‍ठ विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्‍न किया था। प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में विभाग की तरफ से बताया गया कि एक वर्ष में कबीर शोध पीठ 3 पुस्‍तकों का लेखन किया गया। इसमें संत कबीर का इतिहास, संत कबीर का छत्‍तीसगढ़ और कहत कबीर शामिल है।

विधायक चंद्राकर ने पूछा कि इन पुस्‍तकों क प्रकाशन के लिए विभाग ने कितन बजट दिया। इन पुस्‍तकों के मुद्रक और प्रकाशक कौन हैं। इसके उत्‍तर में उच्‍च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि इन पुस्‍तकों के लिए शासन के द्वारा छपाई के लिए कोई अनुदान नहीं दिया गया है और न ही शासन के पास इनका कोई रिकार्ड है। इस पर चंद्राकर ने पूछा तो क्‍या यह किताबें जादू से छप गई हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि मुझे भी लगता है कि जादू से ही छपा होगा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी इन किताबों के संबंध में प्रश्‍न किया और पूछा कि इन किताबों को लिखने वाले विद्वान का नाम क्‍या है। इसके बाद मंत्री अग्रवाल ने कहा कि विभाग इस बात का पता लगाएगा कि ये किताबें कैसे छपी।

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