ईशा खान चौधरी का जीवन परिचय (जीवनी) : Isha Khan Chaudhari Biography in Hindi

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Update: 2024-05-17 17:21 GMT

Isha Khan Chaudhari Biography in Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Election, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Net Worth, Daughter, Children, Politics, Party, Quotes: ईशा खान चौधरी पश्चिम बंगाल राज्य के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल विधान सभा में सुजापुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आते हैं, जिनके पिता और चाचा केंद्र सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

व्यक्तिगत जीवन

ईशा खान चौधरी ने अपने जीवन के प्रारंभिक वर्ष कनाडा में बिताए। उनके पिता अबू हासेम खान चौधरी और दो चाचा, एबीए गनी खान चौधरी और अबू नसर खान चौधरी, सभी राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उनकी चचेरी बहन, मौसम नूर, भी भारतीय संसद की सदस्य हैं। अबू नसर खान चौधरी तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे, जबकि अन्य सभी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं।

राजनीतिक करियर

प्रारंभिक राजनीति

ईशा खान चौधरी ने 2011 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में बैष्णबनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता। उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के उम्मीदवार को हराया।

सुजापुर निर्वाचन क्षेत्र

2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में, ईशा खान चौधरी ने सुजापुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उन्होंने यह फैसला पार्टी आलाकमान के निर्देश पर लिया था। इस चुनाव में उनका मुकाबला उनके अपने चाचा अबू नसर खान चौधरी से था, जो तृणमूल कांग्रेस पार्टी में चले गए थे।

अपने चुनाव अभियान के दौरान, ईशा खान चौधरी ने अपने चाचा पर नागरिकों के लाभ के लिए काम नहीं करने का आरोप लगाया और कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने का दावा किया। चुनाव में उन्होंने अपने चाचा को हराकर 97 हजार वोट प्राप्त किए, जबकि उनके चाचा को केवल 50 हजार वोट मिले।

समर्पित सेवा

ईशा खान चौधरी का राजनीतिक करियर और उनके चुनावी जीतें यह दर्शाती हैं कि वे अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं। वे लगातार अपने निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों के लाभ के लिए कार्यरत रहते हैं और पार्टी के निर्देशों का पालन करते हैं। ईशा खान चौधरी की यह यात्रा उनके राजनीतिक और सामाजिक कार्यों की गवाही देती है और उन्हें पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बनाती है।

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