Ratan Tata Biography in Hindi: रतन टाटा का जीवन परिचय, जानें टाटा ग्रुप को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा की पूरी कहानी

Ratan Tata Biography in Hindi: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया है। वह 86 वर्ष के थे और उम्र से जुड़ी जटिल समस्याओं के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।

Update: 2024-10-10 06:42 GMT

Ratan Tata Biography in Hindi: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया है। वह 86 वर्ष के थे और उम्र से जुड़ी जटिल समस्याओं के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। रतन टाटा ने अपने जीवन में उद्योग और समाज सेवा के क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान दिया, जिससे टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

रतन टाटा का जीवन परिचय (Ratan Tata Biography)

  • जन्म: 28 दिसंबर 1937, मुंबई, ब्रिटिश भारत
  • मृत्यु: 9 अक्टूबर 2024
  • आयु: 86 वर्ष
  • शिक्षा: कॉर्नेल विश्वविद्यालय, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल
  • परिवार:
  • पिता: नवल टाटा
  • मां: सूनी कमिसारिएट
  • पेशा: टाटा संस और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष, परोपकारी, इन्वेस्टर
  • पुरस्कार: पद्म भूषण (2000), पद्म विभूषण (2008)

जन्म, परिवार और शिक्षा

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता नवल टाटा और मां सूनी कमिसारिएट थे। रतन टाटा जब 10 साल के थे, उनके माता-पिता अलग हो गए थे। इसके बाद, उनकी परवरिश उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने की। रतन टाटा ने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से प्राप्त की, और इसके बाद कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, और बिशप कॉटन स्कूल, शिमला से। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर की पढ़ाई की और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम किया।

टाटा समूह के अध्यक्ष बनने का सफर

1991 में, जेआरडी टाटा के पद छोड़ने के बाद, रतन टाटा को टाटा समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके इस कार्यकाल के दौरान, टाटा समूह ने वैश्विक पहचान हासिल की। टाटा ने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर, और टाटा स्टील को कोरस जैसी वैश्विक कंपनियों का अधिग्रहण करने में मदद की। उनके नेतृत्व में टाटा समूह का राजस्व 40 गुना और लाभ 50 गुना तक बढ़ गया। रतन टाटा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक टाटा नैनो की संकल्पना थी, जो आम भारतीय के लिए किफायती कार का सपना पूरा करने का प्रयास था।

सेवानिवृत्ति और उत्तराधिकारी

28 दिसंबर 2012 को, रतन टाटा ने 75 वर्ष की उम्र में टाटा संस के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्ति ली। साइरस मिस्त्री उनके उत्तराधिकारी बने, लेकिन 2016 में मिस्त्री को पद से हटाया गया और रतन टाटा को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया। 2017 में, नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा संस का स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

परोपकारी कार्य

रतन टाटा अपने परोपकारी कार्यों के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा, और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। टाटा ट्रस्ट्स और टाटा समूह की कंपनियों ने शिक्षा और अनुसंधान के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, और कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं को बड़े दान दिए। उन्होंने कई सामाजिक और वैज्ञानिक परियोजनाओं में भी निवेश किया, जो समाज के विभिन्न तबकों के लिए सहायक सिद्ध हुईं।

रतन टाटा का व्यक्तिगत जीवन

रतन टाटा जीवनभर अविवाहित रहे। उन्होंने 2011 में एक इंटरव्यू में बताया था कि वह चार बार शादी के करीब आए थे, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया।

रतन टाटा का निधन

रतन टाटा कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। 9 अक्टूबर 2024 को, उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। रतन टाटा का जीवन उद्योग, परोपकार और नेतृत्व का प्रेरणादायक उदाहरण था। उनका योगदान भारतीय उद्योग और समाज के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

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