सांसद ए. राजा (अंदिमुथु राजा) की जीवनी : A. Raja (Andimuthu Raja) Biography Hindi
A. Raja (Andimuthu Raja) Biography Hindi: ए. राजा का जन्म 26 अक्टूबर 1963 को हुआ था और उनका असली नाम सत्यसीलर था, उन्हें आमतौर पर ए. राजा के नाम से जाना जाता है। वह भारतीय राजनीतिक दल, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सदस्य हैं। राजा ने तमिलनाडु के वेलूर जनपद, पेरम्बलुर जिला, में जन्म लिया था।
A. Raja (Andimuthu Raja) Biography Hindi: ए. राजा का जन्म 26 अक्टूबर 1963 को हुआ था और उनका असली नाम सत्यसीलर था, उन्हें आमतौर पर ए. राजा के नाम से जाना जाता है। वह भारतीय राजनीतिक दल, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सदस्य हैं। राजा ने तमिलनाडु के वेलूर जनपद, पेरम्बलुर जिला, में जन्म लिया था।
शिक्षा और पेशेवर करियर:
राजा ने अपनी शिक्षा तिरुचिरापल्ली में पूरी की और बाद में कॉलेज ऑफ गवर्नमेंट आर्ट्स, मुसिरी, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मदुरै से विज्ञान स्नातक और कानून मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।
परिवार:
उनके पिता का नाम एस.के. अंदिमुथु और माता का नाम चिन्नापिलाइ था। राजा की शादी म. ए. परमेश्वरी से हुई है और उनकी एक बेटी है जिसका नाम मयूरी है।
राजनीतिक करियर:
राजा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की। वह दलित समुदाय से हैं और उन्होंने जल्दी ही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की पार्टी में उच्च पदों तक पहुंचने में कामयाबी प्राप्त की।
चुनावी क्षेत्र में योगदान:
राजा ने 1996 में पेरम्बलुर से लोकसभा के सदस्य के रूप में पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने 1999 और 2004 में भी इसी सीट से चुनाव जीते और 2009 में नीलगिरीस से चुनाव जीतकर लोकसभा के सदस्य बने।
मंत्री पदों पर:
राजा ने 1996 से 2000 तक ग्रामीण विकास के क्षेत्र में राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया और उसके बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्र में राज्यमंत्री रहे। 2004 से 2007 तक उन्होंने पर्यावरण और वन मंत्री के तौर पर कार्य किया और मई 2007 से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री बने।
2G स्पेक्ट्रम केस:
2010 में, ए. राजा को 2G स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा और इसके कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस केस में उन्हें साथी दल के दो और सदस्यों के साथ मिलकर जाँच के लिए बुलाया गया था, लेकिन 2017 में सभी तीनों को बरी कर दिया गया।
जेल का सामना:
राजा को 2G स्पेक्ट्रम केस के कारण 2010 में इस्तीफा देना पड़ा और 2011 में उनकी गिरफ्तारी हुई। 2017 में उन्हें और दो और डीएमके सदस्यों को बरी कर दिया गया।
सामाजिक योगदान:
ए. राजा ने न केवल राजनीतिक क्षेत्र में बल्कि शिक्षा, साहित्य, और सामाजिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका समर्थन दलित समुदाय के अधिकारों के पक्ष में हुआ है और उन्हें तमिलनाडु राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में जाना जाता है।
प्रमुख राजनीतिक पदों पर सेवा:
- 1996: 11वीं लोकसभा के लिए चुनाव जीतकर उन्होंने लोकसभा में प्रवेश किया
- 1999: 13वीं लोकसभा में फिर से चुने गए और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बने
- 2000: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री के रूप में सेवा की
- 2004: 14वीं लोकसभा के लिए फिर से चुनाव जीता और केंद्रीय कैबिनेट मंत्रीबने
- 2007: सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री के रूप में उन्होंने और एक बार फिर कैबिनेट में प्रवेश किया
- 2009: 15वीं लोकसभा के लिए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उन्होंने दलित आरक्षण की मांग की
- 2011: तमिलनाडु विधानसभा के चुनावों में उन्होंने विजयी होकर मंत्री बने
- 2019: 2019 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने तमिलनाडु के नीलगिरी निर्वाचन क्षेत्र से AIADMK के एम त्यागराजन को 205823 मतों के अंतर से मात दी