Madhubani Collectorate News: कलेक्टर और SP ऑफिस की होगी नीलामी! कोर्ट ने क्यों जारी किया यह आदेश?

Madhubani Collectorate News: बिहार के मधुबनी जिले से अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसे सुन कोई भी सोच पड़ जाए. यहाँ कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय की नीलामी की तैयारी की जा रही है.

Update: 2025-06-18 08:05 GMT

Madhubani Collectorate News

Madhubani Collectorate News: बिहार के मधुबनी जिले से अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसे सुन कोई भी सोच पड़ जाए. यहाँ कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय की नीलामी की तैयारी की जा रही है. नीलाम करने का आदेश खुद कोर्ट ने दिया है. 

डीएम और एसपी की होगी नीलामी

मधुबनी व्यवहार न्यायालय(Madhubani Civil Court) ने मधुबनी कलेक्ट्रेट (समाहरणालय) की नीलामी का आदेश दे दिया है. कलेक्ट्रेट में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), पुलिस अधीक्षक (एसपी) और अन्य शीर्ष जिला अधिकारियों के कार्यालय हैं. कोर्ट ने कहा है 4.17 करोड़ रुपये का भुगतान करें, वरना कलेक्ट्रेट के अचल संपत्तियों की नीलामी की जाएगी. तय राशि 15 दिनों के अंदर चुकानी होगी. 

मधुबनी कोर्ट के आदेश के बाद मधुबनी कलेक्ट्रेट के गेट पर एक नोटिस चिपका दिया गया है. नोटिस में लिखा है, आपको सूचित किया जाता है कि उपरोक्त विषयांकित वाद Arbritration Exec.-03/2016 में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में डिकीदार मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट प्रा लि कोलकात्ता के पक्ष में आदेशित राशि का भुगतान 15 दिनों के अंदर करेंगे. अन्यथा आपके समाहरणालय का भूमि मकान सहित नीलामी की प्रकिया की जाएगी.

क्या है मामला 

दरअसल, मामला साल 1997 पंडौल प्रखण्ड कुख्यालय स्थित पंडौल कॉपरेटिव सूता मिल से जुड़ा हुआ है. कॉपरेटिव सूता मिल सरकार की देख रेख में चल रहा था. जो 1997 में बंद हो गई थी. उस समय मेसर्स राधा कृष्ण एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रतन कुमार केडिया व मिल अधिकारियों के बीच समझौता हुआ था कि मिल का संचालन सरकार करेगी और कंपनी को पूंजी और कच्चा माल देना होगा. 

कपंनी ने एडवांस राशि दे दी. ने एडवांस राशि देने के बाद जब कंपनी ने बिल मांगा, तो इनकार कर दिया गया. कंपनी ने भुगतान बंद कर दिया और मिल फिर से बंद हो गया. 1999 में कंपनी ने कोर्ट में यथास्थिति बनाए रखने की मांग की, जो खारिज होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा. साल 2014 में हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश माननीय घनश्याम प्रसाद ने बिहार सरकार लको आदेश दिया कि राधाकृष्ण एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रतन कुमार केडिया को 28.90 लाख रुपये अग्रिम भुगतान, 2.70 लाख रुपये मुआवजा व 1.80 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च यानी कूल 33.44 लाख रुपए दी जाए. आदेश में यह भी कहा गया था निर्धारित समय के अंदर भुगतान न करने पर 18 फीसदी ब्याज भी देना होगा.

लेकिन कपंनी को 33.44 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया. जिसके बाद यह मामला 2016 में मधुबनी कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया. अब इसी मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है कि 15 दिनों के अंदर 4 करोड़ 17 लाख 24 हजार 459 रुपए दी जाये वरना मधुबनी कलेक्ट्रेट को नीलाम कर दिया जायेगा. 

 

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