मोकामा हत्याकांड Explainer: मोकामा हत्याकांड में नया खुलासा! दुलारचंद यादव की मौत गोली से नहीं हुई, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बदली जांच की दिशा
Mokama murder case: मोकामा हत्याकांड में नया खुलासा पोस्टमार्टम टीम ने बताया कि दुलारचंद यादव को गोली लगी थी लेकिन मौत उसकी वजह से नहीं हुई। अब पुलिस नए एंगल से जांच कर रही है।
Mokama murder case: मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान मारे गए दुलारचंद यादव की मौत अब एक रहस्य बन गई है। मेडिकल बोर्ड की शुरुआती रिपोर्ट ने साफ किया है कि मौत गोली से नहीं हुई। डॉक्टरों के मुताबिक दुलारचंद के पैर के एंकल जॉइंट के पास गोली लगी थी, जो आर-पार निकल गई। ऐसी चोट से जान जाना संभव नहीं है। इससे केस की दिशा पूरी तरह बदल गई है।
शरीर पर मिले और भी निशान
पोस्टमार्टम टीम में शामिल डॉ. अजय कुमार ने बताया कि शरीर पर कई और चोटों के निशान मिले हैं। इनमें रगड़ और छिलने जैसे घाव हैं, जो इशारा करते हैं कि गोली लगने के बाद किसी तरह की हाथापाई या घसीटने की स्थिति बनी होगी। मेडिकल टीम अब सभी सबूतों के आधार पर फाइनल रिपोर्ट तैयार कर रही है।
पुलिस जांच अब नए एंगल से
जैसे ही यह मेडिकल इनपुट आया, पुलिस ने जांच की दिशा बदल दी है। पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि अब तक तीन FIR दर्ज हो चुकी हैं। पहली FIR मृतक के पोते ने कराई, जिसमें पांच लोगों के नाम हैं। दूसरी FIR में छह अन्य नाम हैं। तीसरी FIR अज्ञात लोगों के खिलाफ है। पुलिस ने पत्थरबाजी मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अब CCTV फुटेज, मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान खंगाले जा रहे हैं।
तनाव में मोकामा, सियासत गरम
दुलारचंद की मौत के बाद मोकामा और आस-पास का इलाका तनाव में है। गुरुवार को प्रचार के दौरान जन सुराज और जेडीयू समर्थकों के बीच भिड़ंत हुई थी। इसी दौरान हिंसा और गोलीबारी हुई। पोस्टमार्टम के बाद शव शुक्रवार को भारी सुरक्षा में घर लाया गया और अंतिम यात्रा निकाली गई। चुनावी माहौल को देखते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़
घटना ने बिहार की राजनीति को भी गरमा दिया है। जन सुराज पार्टी का कहना है कि यह चुनावी हिंसा और डराने की साजिश है। वहीं जेडीयू का दावा है कि पहले पत्थरबाजी जन सुराज के कार्यकर्ताओं ने शुरू की थी। अब सबकी नज़र फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर है जो मामले की सच्चाई तय करेगी।
अगर मेडिकल टीम की अंतिम रिपोर्ट यह साबित करती है कि मौत गोली से नहीं हु, तो यह मामला हत्या के नए एंगल में बदल सकता है।
आपको बता दें यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि बिहार की चुनावी राजनीति में ताकत और टकराव की नई कहानी बन गया है।