Teacher Transfer News: शिक्षकों का इंतजार खत्म, ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए 7 नवंबर से आवेदन शुरू, यहां पढ़ें जरूरी गाइडलाइन

Teacher Transfer News: ट्रांसफर - पोस्टिंग को लेकर शिक्षकों का इंतजार ख़त्म हो चूका है. बिहार शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर और पोस्टिंग का नया शेड्यूल जारी कर दिया है. शिक्षक 7 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे.

Update: 2024-11-04 07:48 GMT

Teacher Transfer News: बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. ट्रांसफर - पोस्टिंग को लेकर शिक्षकों का इंतजार ख़त्म हो चूका है. बिहार शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर और पोस्टिंग का नया शेड्यूल जारी कर दिया है. शिक्षक 7 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. 

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने शनिवार (02 नवंबर) को शिक्षकों के ट्रांसफर - पोस्टिंग को लेकर जानकारी दी है. अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को नए सॉफ्टवेयर के बारे में भी जानकारी दे दी गई है. शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया के लिए सॉफ्टवेयर का ट्रायल भी शुरू हो गया है. 

अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि 7 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जायेगा. आवेदन प्रक्रिया 20 नवंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी.शिक्षकों को आवेदन के लिए 15 दिनों का समय दिया जाएगा. वही प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी कर ली जायेगी. साथ ही 1 जनवरी 2024 से शिक्षक अपने नए स्कूल में पढ़ाना शुरू कर देंगे. बीपीएससी और सक्षमता पास दोनों शिक्षक ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए एक साथ अप्लाई करेंगे. इसके अलावा ट्रांसजेंडर शिक्षकभी ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे. 

शिक्षकों को अपनी इक्छानुसार 10 अलग-अलग स्थान चुनने का ऑप्शन मिलेगा. बीमार या दिव्यांग शिक्षक अपने पंचायत में ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीँ महिला और पुरुष शिक्षक अपने गृह पंचायत को छोड़कर 10 जगहों के लिए अप्लाई कर सकते हैं. वहीँ 15 दिनों के भीतर चाहे तो  वो अपने ऑप्शन में कितनी भी बार बदलाव कर सकते हैं. आवेदन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद शिक्षा विभाग सॉफ्टवेयर चलाने के लिए 10 दिन का समय लगेगा. जिसके बाद ट्रांसफर और पोस्टिंग की लिस्ट जारी कर दी जाएगी. 

बता दें, ट्रांसफर और पोस्टिंग शिक्षा विभाग के मुख्यालय से किए जाएंगे. ट्रांसफर-पोस्टिंग में कभी कोई गड़बड़ी आती है इसके लिए जिलों के डीएम की अध्यक्षता में एक स्थापना जिला स्तरीय कमेटी बनाई गई है. ताकि जिला स्तर पर समस्या का निपटारा किया जा सके. जैसे किसी स्कूल में छात्रों की संख्या कम है और शिक्षकों की ज्यादा है या किसी स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन शिक्षकों की कम है तो ऐसे में इसका निवारण जिला स्तरीय कमेटी करेगी. 

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