विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश का मास्टरस्ट्रोक, बिहार में हर महिला को मिलेगा ₹10,000, 2 लाख तक लोन, जानें योजना की पूरी गाइडलाइन

Bihar Mahila Rojgar Yojana: बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की गाइडलाइन जारी की। हर महिला को मिलेगा ₹10,000 स्टार्टअप मदद और 2 लाख तक लोन। जानें पूरा विवरण।

Update: 2025-09-02 09:00 GMT

Bihar Mahila Rojgar Yojana: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह ‘लखपति दीदी योजना’ के जरिए महिलाओं को सशक्त करने की कोशिश कर रहे हैं, उसी तरह बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाने के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ शुरू की है। हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार ने इस योजना की गाइडलाइन जारी कर दी है।

क्या है योजना?

गाइडलाइन के अनुसार, इस योजना का फायदा हर परिवार से एक महिला को मिलेगा। योजना का उद्देश्य है कि महिलाएं छोटा कारोबार शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बनें। शुरुआत में हर महिला को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अगर महिला का कारोबार 6 महीने तक सही चलता है, तो उसे आगे बढ़ाने के लिए 2 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जाएगा। यह लोन 12% ब्याज दर पर मिलेगा और इसे 1 से 3 साल में चुकाना होगा।

कौन बनेगा लाभार्थी?

योजना का लाभ वही महिलाएं ले पाएंगी जो जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हों। एक परिवार से केवल एक महिला को योजना का लाभ मिलेगा। महिला को योजना के लिए आवेदन करना होगा और जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 29 अगस्त को सोशल मीडिया पर इस योजना की घोषणा की थी। इसके बाद कैबिनेट मीटिंग में इसे मंजूरी दी गई। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य के 2.7 करोड़ परिवारों की हर महिला को योजना से जोड़ा जाएगा। इससे महिलाओं को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

2 लाख रुपये तक का लोन कैसे मिलेगा?

  • सबसे पहले 10,000 रुपये दिए जाएंगे।
  • उसके बाद कारोबार की प्रगति देखकर 15,000 रुपये तक का सहयोग।
  • फिर 75,000 रुपये और अंत में अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन।

इस योजना की सबसे बड़ी ताकत ‘जीविका दीदी’ होंगी। बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (BRLPS) के तहत 2006 में विश्व बैंक की मदद से जीविका योजना शुरू हुई थी। अभी राज्य में 10.81 लाख स्वयं सहायता समूह (SHG) सक्रिय हैं। इनसे करीब 1.34 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं।

ये समूह पहले से ही महिलाओं को कृषि, पशुपालन, सिलाई-कढ़ाई, किराना दुकान, हस्तशिल्प और छोटे उद्योगों में जोड़कर उनकी आय बढ़ा रहे हैं। हाल ही में इसके तहत जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड बनाया गया है, जो बैंक की तरह सस्ते ब्याज पर कर्ज उपलब्ध कराएगा।

राजनीतिक मायने

बिहार में विधानसभा चुनाव करीब हैं और माना जा रहा है कि यह योजना महिला वोटर्स को लुभाने का बड़ा कदम है। नीतीश कुमार पहले भी शराबबंदी, महिला आरक्षण और शिक्षक भर्ती में आरक्षण जैसे फैसलों से महिला वोट बैंक को मजबूत करते रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकती है।

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