बड़ी खबर: बिहार चुनाव के लिए BJP ने 71 उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची की जारी, जानें किसे कहाँ से मिला टिकट, देखें लंबी लिस्ट
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए बीजेपी ने पहली उम्मीदवार सूची जारी की है, इसमें कुल 71 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को सीवान से टिकट मिला। जानिए पूरी सूची और राजनीतिक समीकरण।
नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 71 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं, जिसमें कई दिग्गज नेता और स्थानीय राजनीतिक चेहरे शामिल हैं। पार्टी ने खासतौर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को सीवान से टिकट दिया है, जो राजनीतिक समीकरण और जातीय विविधता को ध्यान में रखते हुए तय किया गया माना जा रहा है।
सूची में कई बड़े नामों को शामिल किया गया है, जबकि कुछ नेताओं की सीटें कट गई हैं। लालगंज से संजय कुमार सिंह, कटिहार से तारकिशोर प्रसाद, बांका से रामनारायण मंडल और पटना साहिब से रत्नेश कुशवाहा को टिकट मिला है। वहीं, बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर प्रसाद का टिकट इस बार कट गया है। बेगुसराय से कुंदन कुमार को टिकट मिला है।
इन बदलावों से राजनीतिक हलकों में चर्चा का माहौल बन गया है। रामकृपाल यादव की वापसी, नंदकिशोर यादव बाहर पूर्व सांसद रामकृपाल यादव को दानापुर से मैदान में उतारा गया है, जबकि बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का टिकट काट लिया गया है।
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर जोर
बीजेपी ने इस बार उम्मीदवारों के चयन में जातीय और स्थानीय समीकरणों का खास ध्यान रखा है। पार्टी का मकसद है कि, सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व मिले और एनडीए गठबंधन में तालमेल बेहतर हो। इसके आलावा पार्टी ने कई नए चहरे और नए नामों भी जोर दिया है।
इसमें नरपतगंज से देवंती यादव, फारबिसगंज से विद्या सागर केसरी, किशनगंज से स्वीटी सिंह, पूर्णिया से विजय कुमार खेमका जैसे नामों को टिकट मिला है। वहीं, प्रेम कुमार को गया शहर से फिर से मैदान में उतारा गया है। इस लिस्ट के आते ही बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है और अब सबकी नजरें एनडीए के बाकी दलों की लिस्ट और सीटों के बंटवारे पर टिकी हैं।
बीजेपी ने इस बार उम्मीदवारों के चयन में जातीय समीकरण और स्थानीय समीकरण पर विशेष जोर दिया है। पार्टी का मकसद है कि चुनाव में सभी प्रमुख समुदायों और क्षेत्रों का संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए। इस रणनीति से पार्टी उम्मीद करती है कि पहले चरण में उन्हें मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिलेगी और एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ तालमेल भी बेहतर रहेगा।