Bihar Election 2025: NDA में सीट बंटवारा हुआ फाइनल! JDU को ने मारी बाजी, BJP रह गई पीछे, जानें कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव

Bihar Election 2025: दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अहम बैठक के बाद जेडीयू और बीजेपी ने सीट शेयरिंग पर सहमति बना ली। सूत्रों के मुताबिक इस बार जेडीयू 102 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बीजेपी को 101 सीटें मिली हैं।

Update: 2025-08-28 10:27 GMT

Bihar Election 2025: दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अहम बैठक के बाद जेडीयू और बीजेपी ने सीट शेयरिंग पर सहमति बना ली। सूत्रों के मुताबिक इस बार जेडीयू 102 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बीजेपी को 101 सीटें मिली हैं। यानी NDA में एक बार फिर नीतीश कुमार की पार्टी को बीजेपी से ज्यादा सीटें दी गई हैं।

इसके साथ ही चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 20 सीटें मिली हैं। वहीं जीतन राम मांझी की हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति) को 10-10 सीटों का हिस्सा दिया गया है।

पिछले कुछ चुनावों से सबक लेकर NDA इस बार पूरी कोशिश कर रहा है कि छोटे दलों को नाराज न किया जाए। यही वजह है कि इस बार LJP (रामविलास) और HAM जैसी पार्टियों को पहले से ज्यादा सीटें दी गई हैं। खासकर जीतन राम मांझी की पार्टी को पिछली बार सिर्फ 7 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उनकी ताकत और जातीय समीकरणों को देखते हुए NDA ने उन्हें 10 सीटों का हिस्सा दिया है। नीतीश कुमार और बीजेपी की यह रणनीति साफ करती है कि वे छोटे दलों को साथ रखकर बड़ा वोट बैंक साधना चाहते हैं।

2020 से अब तक क्या बदला?

अगर पिछले विधानसभा चुनाव (2020) की बात करें तो उस वक्त बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 74 सीटें जीती थीं। जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़कर केवल 43 सीटें हासिल की थीं। यानी उस चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू पर बढ़त बनाई थी। लेकिन इस बार तस्वीर उलटी है। सीटों के बंटवारे में जेडीयू को बीजेपी से एक सीट ज्यादा दी गई है। सूत्र बताते हैं कि इस फैसले के पीछे गठबंधन की पॉलिटिकल बैलेंसिंग है।

विपक्ष में खींचतान

जहां NDA में सीट बंटवारे की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है, वहीं विपक्षी महागठबंधन में अब भी खींचतान जारी है। RJD, कांग्रेस और वामदलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर असहमति बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग पर अड़ी हुई है, जबकि RJD अपने दबदबे को कम करने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि विपक्षी खेमे में अब तक कोई ठोस ऐलान नहीं हो पाया है।

क्यों अहम है यह चुनाव?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 न सिर्फ नीतीश कुमार के लिए, बल्कि बीजेपी और NDA के भविष्य के लिए भी बेहद अहम है। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है, जहां विपक्षी खेमे और सत्ताधारी NDA की साख दांव पर है।

इस बार गठबंधन ने संतुलित फॉर्मूला अपनाया है, बड़ी पार्टियों ने खुद के लिए कम सीटें रखकर छोटे सहयोगियों को सम्मान दिया है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इससे NDA को एकजुटता का संदेश देने में मदद मिलेगी, जो सीधे-सीधे वोटों में तब्दील हो सकता है।

बिहार की राजनीति हमेशा से समीकरणों और जातीय गणित पर टिकी रही है। इस बार भी NDA ने सीट बंटवारे में वही रणनीति अपनाई है। JDU और BJP के बीच सीटों का अंतर भले ही कम हो, लेकिन छोटे दलों की हिस्सेदारी बढ़ाना यह दिखाता है कि गठबंधन चुनावी रणभूमि में किसी भी कीमत पर एकजुट रहना चाहता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि महागठबंधन किस फार्मूले के साथ मैदान में उतरता है।

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