Bihar ED Raid: ईडी की बड़ी कार्रवाई, जिस महिला मुखिया को राष्ट्रपति से मिला पुरस्कार उसी के घर छापा, जानें क्या है पूरा मामला

Bihar ED Raid: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा के बिशुनपुर बघनगरी में बुधवार को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पंचायत मुखिया बबीता कुमारी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी (Bihar ED Raid) की.

Update: 2025-08-13 09:10 GMT

Bihar ED Raid: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा के बिशुनपुर बघनगरी में बुधवार को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पंचायत मुखिया बबीता कुमारी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी (Bihar ED Raid) की. यह कार्रवाई अवैध शराब तस्करी और उससे अर्जित की गई संपत्ति के संदिग्ध मामले में की गई है, जिसमें उनके पति और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी सामने आ रहे हैं.

दरअसल, बुधवार सुबह मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के बिशुनपुर बघनगरी गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित मुखिया बबीता कुमारी के आवास पर छापा मारा. सुबह करीब 6 बजे केंद्रीय बलों के साथ आई टीम ने पूरे इलाके को चारों ओर से घेरकर कार्रवाई शुरू की.

पुरस्कार वाली मुखिया जांच के घेरे में

बबीता कुमारी को पंचायत स्तर पर अच्छे कामों के लिए राष्ट्रपति से सम्मान मिल चुका है. उन्हें एक ‘आदर्श पंचायत’ की प्रतिनिधि के तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी गई थी. लेकिन अब उन पर और उनके परिवार पर अवैध कमाई, संपत्ति जोड़ने और शराब तस्करी में शामिल होने के आरोप लगे हैं.

मुकदमों से घिरे पति और परिवार

आरोप है कि बबीता के पति बबलू मिश्रा और उनके भाई पहले से ही शराब तस्करी के कई मामलों में लिप्त हैं. ईडी को शक है कि इस गैरकानूनी कारोबार से अर्जित काली कमाई को बबीता कुमारी के नाम पर निवेश कर सफेद किया गया है. इसी आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई की है.

दस्तावेज़, ज़मीन और डिजिटल साक्ष्य की जांच

ईडी की टीम ने घर के भीतर से कई फाइलें, बैंक पासबुक, ज़मीन के कागज़ात, मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस ज़ब्त किए हैं. पंचायत की योजनाओं से जुड़े दस्तावेजों की भी गहराई से जांच हो रही है. हालांकि, अब तक किसी आधिकारिक ज़ब्ती की पुष्टि नहीं की गई है.

गांव में बढ़ी हलचल

गांव में कार्रवाई के बाद माहौल गर्म हो गया है. कुछ ग्रामीणों का कहना है कि बबीता कुमारी ईमानदार मुखिया रही हैं और यह सब एक राजनीतिक साजिश हो सकती है. वहीं, बाकी कुछ लोग लंबे समय से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल उठाते रहे हैं.

राष्ट्रपति पुरस्कार पर उठे सवाल

छापेमारी के बाद अब बबीता को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार भी सवालों के घेरे में आ गया है. यह जांच इस बात की पड़ताल भी कर रही है कि कहीं पुरस्कार चयन प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप तो नहीं हुआ. कई पंचायत प्रतिनिधियों पर पहले भी योजनाओं में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं.

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