Bihar Vidhansabha Election: महागठबंधन में 'सीट' की खींचतान, बिना CM फेस के मैदान में उतरेगी कांग्रेस, BJP के पास ब्रम्हास्त्र?
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। जहां बीजेपी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर चुकी है, वहीं महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी है
Bihar Vidhansabha Election (NPG file photo)
नई दिल्ली/पटना। बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। जहां बीजेपी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर चुकी है, वहीं महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी है। एक तरफ बीजेपी के बड़े नेता, जैसे जेपी नड्डा, पीएम मोदी और अमित शाह लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस महागठबंधन में अपनी जगह और सीटों को लेकर मोलभाव कर रही है।
बीजेपी की ताबड़तोड़ तैयारी
बीजेपी ने बिहार चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पटना में कोर कमेटी की बैठक कर चुके हैं, जिसमें उम्मीदवारों और मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बाद, 15 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी भी पूर्णिया दौरे पर थे, जहां उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का तोहफा दिया।
ये चुनावी साल में उनका सातवां बिहार दौरा था, जो बीजेपी की गंभीरता को दिखाता है। उनके बाद, गृह मंत्री अमित शाह भी 17 और 27 सितंबर को पटना में कोर कमेटी की बैठकों में शामिल हुए, जहां प्रचार रणनीति और उम्मीदवारों के चयन पर गहन मंथन हुआ। इन दौरों से साफ है कि बीजेपी बिहार में सत्ता हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग की मुश्किल
वहीं दूसरी ओर, महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है। कांग्रेस, जो 2020 में 70 सीटों पर लड़ी थी, इस बार कुछ कम सीटों पर लड़ने को तैयार है। लेकिन अगर उसे 50 से कम सीटें मिलती हैं, तो वह अकेले चुनाव लड़ने का मन बना सकती है। यह बात साफ करती है कि कांग्रेस, आरजेडी पर दबाव बनाना चाहती है। कांग्रेस के आलाकमान ने 15 सितंबर की डेडलाइन तय की है, जिसके बाद सीट शेयरिंग का फैसला हो जाएगा।
बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
सबसे दिलचस्प बात यह है कि, कांग्रेस इस चुनाव में बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के उतरना चाहती है। पार्टी की दलील है कि तेजस्वी यादव के खिलाफ चल रहे मामलों और उनके नाम से गैर-यादव और सवर्ण वोटों के छिटकने का खतरा है। कांग्रेस की रणनीति है कि चुनाव के बाद विधायकों की संख्या के आधार पर मुख्यमंत्री का फैसला हो। यह रणनीति कांग्रेस को लगता है कि सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ने में मदद करेगी।
कब होगा बिहार विधानसभा चुनाव 2025?
चुनाव आयोग की तैयारियों से पता चलता है कि, बिहार विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाला है। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद, अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मतदान दो से तीन चरणों में हो सकता है और 20 नवंबर तक नतीजे घोषित हो सकते हैं।
यह चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए बहुत अहम है। बीजेपी अपने शीर्ष नेताओं के लगातार दौरों से माहौल बनाने में जुटी है, जबकि कांग्रेस अपनी शर्तों पर महागठबंधन में अपनी भूमिका तय करना चाहती है। अब देखना यह होगा कि, ये दोनों पार्टियां बिहार के राजनीतिक समीकरणों को कैसे बदलती हैं।