India First District History: भारत का पहला जिला कौन सा है? जानिए पूर्णिया (बिहार) के 255 साल पुराने इतिहास से जुड़ी रोचक बातें

India's First District Purnia(Bihar): भारत में कई ऐसे जिले हैं जो अपने ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के कारण प्रसिद्ध हैं। इन जिलों की अपनी एक अलग पहचान होती है, जो इन्हें खास बनाती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि भारत का सबसे पहला जिला कौन सा है?

Update: 2025-07-31 06:56 GMT

India's First District Purnia(Bihar): भारत में कई ऐसे जिले हैं जो अपने ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के कारण प्रसिद्ध हैं। इन जिलों की अपनी एक अलग पहचान होती है, जो इन्हें खास बनाती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि भारत का सबसे पहला जिला कौन सा है? यानी सबसे पहले किस क्षेत्र को ‘जिला’ का दर्जा दिया गया था? इस सवाल का जवाब इतिहास में छिपा है, और आज हम आपको इसी सवाल का पूरा उत्तर देने जा रहे हैं।

इतिहास से पहले की कहानी

भारत में कई जिले ऐसे हैं जिनकी स्थापना स्वतंत्रता प्राप्ति से भी पहले की गई थी। इन जिलों को ब्रिटिश शासन के दौरान प्रशासनिक व्यवस्था के तहत गठित किया गया था। वहीं आजादी के बाद नए जिलों का निर्माण बढ़ती जनसंख्या, स्थानीय मांग और प्रशासनिक जरूरतों के अनुसार हुआ। लेकिन भारत का जो सबसे पहला जिला बना, उसका नाम इतिहास में दर्ज है।

भारत का First District है बिहार का पूर्णिया जिला

भारत के सबसे पहले जिले का नाम है ‘पूर्णिया’, जो बिहार राज्य में स्थित है। यह जिला न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि इसकी स्थापना 1770 ईस्वी में अंग्रेजों द्वारा की गई थी। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी बिहार में अपने पांव तेजी से पसार रही थी और प्रशासनिक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों को संगठित कर रही थी। पूर्णिया का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है - 'पूर्ण' और 'अरण्य', जिसका अर्थ होता है - पूरा जंगल। यानी एक ऐसा क्षेत्र जो पूरी तरह से जंगलों से घिरा हुआ था।

पूर्णिया का मुगल काल से अंग्रेजी हुकूमत तक का सफर

इतिहासकारों के अनुसार मुगल शासनकाल के दौरान पूर्णिया एक सीमांत सैन्य प्रांत हुआ करता था। यह मुगलों की सेना के लिए एक मुख्य अड्डा था। लेकिन 1765 में अंग्रेजों ने इस क्षेत्र को अपने अधीन कर लिया और 10 फरवरी 1770 को इसे एक आधिकारिक जिले का दर्जा दे दिया गया। यही तारीख पूर्णिया को भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना जिला घोषित करती है। आज भी यदि आप गूगल पर भारत के सबसे पुराने जिले के बारे में सर्च करेंगे तो पूर्णिया का ही नाम सबसे पहले सामने आता है।

पूर्णिया एक समय पर गहरे जंगल, डकैतों और जानवरों का बसेरा हुआ करता था। लोगों में यहां आने का भय रहता था, यहां तक कि इस स्थान को 'कालापानी' जैसी संज्ञा दी जाती थी। मलेरिया और डायरिया जैसे रोगों के कारण भी लोग यहां आने से डरते थे।

कालापानी से स्मार्ट सिटी तक

पूर्णिया कभी इतना पिछड़ा हुआ था कि वहां की जमीन मात्र ₹30 प्रति कट्ठा में मिलती थी। टूटी-फूटी सड़कें, घने जंगल और देहाती जीवनशैली के कारण लोग यहां बसने से कतराते थे। लेकिन समय के साथ पूर्णिया ने न केवल अपना स्वरूप बदला बल्कि तरक्की के नए आयाम भी गढ़े। आज पूर्णिया स्मार्ट सिटी की श्रेणी में आ चुका है। यहां मेडिकल कॉलेज, एडवांस अस्पताल, शिक्षा संस्थान, पक्की सड़कें और यहां तक कि एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

255 वर्षों में हुआ अद्भुत विकास

लगभग 255 वर्षों के सफर में पूर्णिया ने अपने विकास की कहानी खुद रची है। अब यह जिला सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं बल्कि आधुनिकता का प्रतीक भी बन चुका है। स्थानीय लोगों की मेहनत, सरकार की योजनाएं और प्रशासन की सक्रियता ने पूर्णिया को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

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