Supreme Court: कोर्ट की शिक्षकों पर तल्‍ख टिप्‍णाी: छुट्टी के लिए एप्‍लिकेशन तक नहीं लिख पाते....इस्‍तीफा दे देना चाहिए

Supreme Court: सरकार के खिलाफ कोर्ट पहुंचे शिक्षकों को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने शिक्षकों को राहत देने की बजाय कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि परीक्षणों का सामना नहीं कर सकते तो इस्‍तीफा दे दिना च‍ाहिए।

Update: 2024-06-28 07:18 GMT

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Supreme Court: एनपीजी न्‍यूज डेस्‍क

शिक्षकों की योग्‍यता परीक्षा लेने के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शिक्षक संघों को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने न केवल उनकी याचिका खारिज कर दी बल्कि तल्‍ख टिप्‍प्‍णी करते हुए कड़ी फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सरकार व्‍यवस्‍था में सुधार करना चाह रही है तो इसमें आपत्ति क्‍या है। जस्टिस बीवी नागरत्‍ना ने कहा कि शिक्षक राष्‍ट्र निर्माण का अहम हिस्‍सा होते हैं। अगर वे इन परीक्षाओं का सामना नहीं कर सकते हैं तो उन्‍हें इस्‍तीफा दे देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि एक पोस्‍ट ग्रेजुएट जिसे नौकरी मिल जाती है, वह छु्ट्टी के लिए एप्लिकेशन नहीं लिख पाता है।

जस्टिस बीवी नागरत्‍ना की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि बिहार जैसी राज्‍य सरकार व्‍यवस्‍था में सुधार करने का प्रयास कर रही है तो इसका विरोध क्‍यों किया जा रहा है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सरकार के नियमों के अनुसार उन्‍हें सक्षमता परीक्षा देनी होगी।

बता दें शिक्षक संघों ने बिहार शिक्षक नियमावली 2023 का विरोध किया था। इन नियमों के अनुसार अगर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करना है तो उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करनी ही पड़ेगी। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने इसमें प्रतिबद्धता जताई है और हम भी देश भर के बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर हैं।

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