Sarguja News: CG स्कूल में बच्चों को बुलाकर कराई कथित धर्म सभा: कलेक्टर ने की स्कूल की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा

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Update: 2024-10-10 15:35 GMT

Sarguja News: सरगुजा। गांधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश के दिन कार्मेल स्कूल में दो सौ बच्चों को बुलाकर कथित धर्म सभा किए जाने के मामले में कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए नोटिस का संतोषजनक जवाब कार्मेल स्कूल प्रबंधन ने नहीं दिया है। कलेक्टर विलास भोस्कर ने स्कूल प्रबंधन को पुनः नोटिस जारी कर वर्ष भर में कई बार कानून व्यवस्था बिगड़ने को लेकर स्कूल में हुई दो-तीन घटनाओं का जिक्र करते हुए स्कूल प्रबंधन की ओर से सार्थक जवाब न दिए जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा कर दी है।

जिला शिक्षा अधिकारी स्तर से होने वाले स्कूल संचालक की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई के साथ कलेक्टर ने केंद्रीय बोर्ड को भी मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की है।

बता दें, नगर के कार्मेल मिशनरी स्कूल में गांधी जयंती के अवकाश के दिन दो सौ बच्चों को स्कूल में बुलाकर कैथोलिक बाल धर्म सभा का आयोजन किया गया था।इसमें अन्य धर्म के बच्चे भी शामिल हुए थे ,ऐसा आरोप लगाकर शहर के अभिभावक स्कूल में पहुंच हंगामा करने लगे थे। अभिभावकों की शिकायत पर कलेक्टर ने एसडीएम, जिला शिक्षा अधिकारी व पुलिस टीम को भी मौके पर भेजा।जांच के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसको लेकर प्रशासन को काफी आपत्ति थी।

कार्मेल स्कूल प्रबंधन अपने ही जवाब में फंसा

प्रशासन ने कार्मेल स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।अपने जवाब में स्कूल प्रबंधन ने किसी तरह के धर्म सभा से इन्कार भी किया था और यह भी उल्लेखित किया था कि स्कूल में कैथोलिक बाल धर्म सभा का आयोजन था जिसमें किसी अन्य समुदाय के बच्चों को नहीं बुलाया गया था। कार्मेल स्कूल प्रबंधन अपने ही जवाब में फंसता नजर आया, क्योंकि नियमानुसार किसी भी स्कूल में, किसी भी तरह के धर्म सभा का आयोजन नहीं हो सकता। स्कूल प्रबंधन के जवाब से प्रशासन असंतुष्ट हुआ है।

आदिवासी समाज न की सिफारिश

आदिवासी ईसाई महासभा ने भी स्कूल के समर्थन में ज्ञापन दिया। इसी दिन विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोग भी कलेक्टर के समक्ष पहुंचे और स्कूल में धर्मांतरण का आरोप लगाकर स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की है।

कलेक्टर की तल्ख टिप्पणी

कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया था कि स्कूल की गलतियों पर पर्दा डालने कोई समाज ,संगठन का सामने आना उचित नहीं है। स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी स्कूल में बेहतर व स्वच्छ वातावरण निर्माण करने की होती है, न कि बाहरी लोगों की। स्कूल में जो भी गड़बड़ी होती है उसकी जवाबदारी स्कूल प्रबंधन की ही है, ऐसे में समर्थन में आए संगठन को बैरंग वापस लौटना पड़ा था।

स्कूल प्रबंधन से स्पष्ट जवाब न मिलने पर कलेक्टर ने एक बार पुनः स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर स्कूल की मान्यता रद करने की अनुशंसा की है।

जानें क्या कहा है जारी नोटिस में कलेक्टर ने

0 कार्मेल स्कूल प्रबंधन को जारी नोटिस में कलेक्टर भोस्कर ने कहा है कि धर्म निरपेक्षता भारत के संविधान की आत्मा है। संविधान के 42 वें संशोधन के अनुसार संविधान की मूल संरचना को किसी भी प्रकार से परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

0. सुप्रीप कोर्ट ने भी स्पष्टतः कहा है कि संविधान के मूल संरचना को परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। आपके द्वारा अपने संस्था में विशेष वर्ग के बच्चों को बुलाकर स्कूल में विशेष धर्म की शिक्षा दी जा रही है।

0 स्कूल के जो बच्चे होते हैं उनका समाज एवं देश के प्रति जो नजरिया तैयार होता है वह विद्यालय से तैयार होता है। विद्यालय में यदि धर्म विशेष की शिक्षा दी जाएगी तो बच्चे धर्म निरपेक्ष कैसे बनेंगे।

0 आपके द्वारा धर्म विशेष की शिक्षा दिए जाने से बच्चे धर्म निरपेक्ष नहीं हो सकेंगे। विशेष धर्म के बच्चों को बुलाकर विशेष धर्म की शिक्षा दी जाएगी तो वे बच्चें अन्य धर्म के बच्चों के प्रति भेदभाव रखेंगे तथा बड़े होने पर उनमें संविधान की मूल भावना को पालन करने का भाव पैदा नहीं हो पाएगा।

0 आपको जारी नोटिस के जवाब में आपके द्वारा यह उल्लेखित किया गया है कि विशेष धर्म के बच्चों को धार्मिक शिक्षा हेतु विद्यालय बुलाया गया था। इससे संविधान की मूल भावना का स्पष्टतः उल्लंघन किया जाना प्रतीत होता है।

0 इससे यह स्पष्ट है कि कार्मेल स्कूल के संस्था प्रमुख,प्राचार्य और प्रबंधन बार-बार अपने प्रशासनिक व नैतिक उत्तरदायित्वों के निर्वहन में अक्षम साबित हुए हैं। उनके स्वेच्छाचारी कार्यशैली के कारण विगत एक वर्ष से कम की अवधि में ही एक से अधिक अवसरों पर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगडी है तथा बच्चों की सुरक्षा पर आंच च आई है।

0 इस संबंध में संस्था की केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल को प्रतिवेदित किया जाना तथा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी मान्यता ,कक्षा संचालन की अनुमति को निरस्त करने की आवश्यकता है।

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