Madhya Pradesh News: मप्र में साढ़े पांच हजार शिक्षकों को मिले नियुक्ति पत्र, प्रधानमंत्री ने दी बधाई
Mp News: मध्य प्रदेश में साढ़े पांच हजार नव नियुक्त शिक्षकों को एक समारोह में नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली जुड़े और शिक्षकों को शुभकामनाएं दी। शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुए कार्यकम में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली जुड़कर सभी शिक्षकों को बधाई दी।
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में साढ़े पांच हजार नव नियुक्त शिक्षकों को एक समारोह में नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली जुड़े और शिक्षकों को शुभकामनाएं दी। शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुए कार्यकम में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली जुड़कर सभी शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप पर भारत की भावी पीढ़ी को गढ़ने, उन्हें आधुनिकता में ढालने और नई दिशा देने की जिम्मेदारी है। पिछले तीन वर्षों में लगभग 50,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी योगदान है। इसमें पारम्परिक ज्ञान से लेकर भविष्य की टेक्नालॉजी को समान रूप से महत्व दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में भी नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। मातृ भाषा में पढ़ाई को लेकर विशेष प्रयास हुए हैं।
सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अंग्रेजी न जानने वाले छात्रों के लिए उनकी मातृ भाषा में पढ़ाई की व्यवस्था है। पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों पर बल दिया गया है। देश की शिक्षा व्यवस्था में ये बहुत बड़े बदलाव का आधार बनेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नव नियुक्त शिक्षकों से कहा कि शिक्षकों का काम विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान और बेहतर मनुष्य बनने के संस्कार देना है। शिक्षक बनना कोई साधारण नौकरी नहीं है, शिक्षक इंसान गढ़ने का काम करते हैं। आप विद्यार्थियों की चिंता करिए आप सभी के भविष्य की चिंता करना मेरा काम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब मेरे भांजे-भांजियां हैं और हमारा प्रेम व स्नेह का नाता है। शिक्षक अर्थात गुरु का दायित्व ग्रहण करने से, मेरे मन में आपके प्रति आदर भाव है। गुरु का अर्थ अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना है। गुरू वह कुम्हार है जो माटी से जैसी चाहे मूर्ति बना दे। जैसा आप बच्चों को गढ़ना चाहेंगे, गढ़ देंगे। आप पर ही आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को गढ़ने की जिम्मेदारी है।