Land Scam: बजरमुड़ा भू अधिग्रहण घोटाला- पूर्व एसडीएम, तहसीलदार व सात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर...

Land Scam: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के बजरमुड़ा भूमि अधिग्रहण घोटाले में करोड़ों का खेला करने वाले पूर्व एसडीएम व तहसीलदार सहति सात मुलाजिमों के खिलाफ एफआईआर का निर्देश कलेक्टर ने दिया है। इन अफसरों पर भूमि अधिग्रहण व व भूअर्जन के दौरान बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप है। जांच रिपोर्ट में घोटाले की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर ने इन अफसरों के खिलाफ एफआईआर का निर्देश जारी किया है।

Update: 2025-05-14 08:19 GMT
Land Scam: बजरमुड़ा भू अधिग्रहण घोटाला- पूर्व एसडीएम, तहसीलदार व सात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर...
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Land Scam: रायगढ़। बजरमुड़ा भूमि अधिग्रहण व भूअर्जन में राजस्व अफसरों ने 415 करोड़ का खेला कर दिया है। जांच रिपोर्ट में घोटाले की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर ने दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर का निर्देश दिया है। जांच रिपोर्ट में तत्कालीन एसडीएम एसडीएम अशोक कुमार मार्बल, तहसीलदार बंदेराम भगत, आरआई मूलचंद कुर्रे, पटवारी जितेंद्र पन्ना, पीडब्ल्यूडी सब इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत और बीट गार्ड रामसेवक महंत के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

छग स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर 3 के भूअर्जन में राजस्व अफसरों ने जमकर खेला किया है। अफसरों ने राजस्व दस्तावेजों में हेराफेरी कर 415 करोड़ का अवार्ड पारित कर दिया है। जांच कमेटी ने जब मूल्याकंन किया तब यह बात सामने आई कि भूमि अधिग्रहण के बाद भूमि स्वामियों को भूअर्जन के तौर पर 100 करोड़ का मुआवजा राशि का वितरण किया जाना है। अफसरों ने कागजों में ऐसा खेला किया कि 100 करोड़ से सीधे 415 करोड़ का अवार्ड पारित कर दिया। राजस्व अफसरों ने एक झटके में 315 का वारा-न्यारा कर दिया है। कलेक्टर के पत्र के बाद घरघोड़ा एसडीएम ने जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए अफसरों के खिलाफ एफआईआर का निर्देश जारी किया है।

जानबुझकर किया गलत मूल्यांकन, 315 करोड़ का सरकार को लगाई चपत

भूमि अधिग्रहण के बाद राजस्व अफसरों ने दफ्तर में बैठकर कागजों में जमकर चालबाजी दिखाई। भूमि के मूल्यांकन में मनमर्जी चलाई और रकबा को बढ़ाचढ़ाकर दिखाया। इतना करते ही कौड़ी के मोल की जमीन करोड़ों की बन गई। या यूं कहें कि राजस्व अफसरों के कलम की कमाल ने यह सब कर दिखाया। जांच रिपोर्ट में मुआवजा पत्रक को दोषपूर्ण पाया गया है। जांच कमेटी ने संगठित घोटाले के लिए संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी।

झोपड़ी को बताया पक्का मकान, असिंचित जमीन को बता दिया दो फसली

अरपा भैंसाझार की तर्ज पर बजरमुड़ा में भी राजस्व अफसरों ने घोटाले को अंजाम दिया है। झोपड़ी और टिन के शेड वाले मकान को पक्का मकान बता दिया है। असिंचित जमीन काे सिंचाई सुविधा वाले बताते हुए दो फसली बता दिया है। झोपड़ी को पक्का मकान बताने के अलावा बरामदा, कुआं, पोल्ट्री फार्म सब-कुछ बताकर लाखों रुपये मुआवजा जारी कर दिया है।

फर्जीवाड़े की इसने की थी शिकायत

रायगढ़ निवासी दुर्गेश शर्मा ने भूमि अधिग्रहण और मुआवजा में घोटाले की शिकायत की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जांच टीम बनाकर जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। आईएएस रमेश शर्मा की अध्यक्षता में जांच कमेटी ने जांच की। मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा और बजरमुड़ा में 449.166 हेक्टेयर जमीन पर लीज स्वीकृत की गई। इसमें लीज क्षेत्र के अंतर्गत 362.719 हेक्टेयरऔर बाहर 38.623 हेक्टेयर भूमि पर सरफेस राइट के तहत भू-अर्जन किया गया। जुलाई 2020 को प्रारंभिक सूचना प्रकाशित की गई। 22 जनवरी 2021 को अवार्ड पारित किया गया।

इसमें केवल बजरमुड़ा के 170 हे. भूमि पर 478.68 करोड़ का मुआवजा पारित किया गया। सीएसपीजीसीएल ने अवॉर्ड राशि पर आपत्ति जताई, लेकिन तत्कालीन कलेक्टर ने केवल ब्याज को 32 माह से घटाकर 6 माह का किया। कंपनी को आंशिक राहत मिली जिसमें मुआवजा 415.69 करोड़ हो गया। पूर्व कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने स्थानांतरण से पहले अपराध दर्ज करने का आदेश एसडीएम घरघोड़ा को दिया था।

ये हैं घोटालेबाज अफसर,अब होगी एफआईआर

सीएसपीडीसीएल को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर-3 के गांव बजरमुड़ा में भूअर्जन में जमकर खेला किा गया है। घास जमीन पर दो हजार से ज्यादा पेड़ होना बता दिया है। घोटाले के लिए जिम्मेदार तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल, तहसीलदार बंदेराम भगत, आरआई मूलचंद कुर्रे, पटवारी जितेंद्र पन्ना, पीडब्ल्यूडी सब इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत और बीटगार्ड रामसेवक महंत के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

अपर कलेक्टर रवि राही का कहना है कि बजरमुड़ा भूमि अधिग्रहण व भूअर्जन घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए घरघोड़ा एसडीएम को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया है।

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