Kawardha News: क्षेत्राधिकारी को तीन वर्ष कैद, हितग्राही से 20 हजार रिश्वत लेते हुए ACB ने किया था रंगे हाथ गिरफ्तार...
कवर्धा। अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के जिला क्षेत्राधिकारी को विशेष न्यायाधीश की अदालत ने तीन वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। क्षेत्राधिकारी को स्वालंबन योजना के तहत दुकान खोलने वाले हितग्राही से बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा था। मामला 18 जनवरी 2019 का है। जिसके बाद जांच कर अदालत में चालान पेश की गई थी।
कवर्धा जिले में अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के जिला क्षेत्राधिकारी के पद पर 40 वर्षीय दीपक सिंह नामदेव पिता शिवकुमार नामदेव पदस्थ थे। बोड़ला तहसील के ग्राम केसदा निवासी कामू बैगा ने गांव में जनरल स्टोर खोलने हेतु अंत्यावसायी योजना के अंतर्गत शहिद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना के तहत आवेदन किया था। जिसके तहत उसे दो लाख रुपये देने की स्विकृति मिल गई थी। जिसमे से 1 लाख रुपये कामू बैगा को मिल गए थे शेष रकम एक लाख रुपये देने हेतु जिला क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह नामदेव 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। 9 जनवरी को कामू बैगा ने इसकी शिकायत रायपुर एंटी करप्शन ब्यूरो में की। जिस पर एसीबी अफसरों ने उसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से लैस कर रिश्वत की रकम को बातचीत रिकार्ड कर के लाने के लिए भेजा।
कामू बैगा 11 जनवरी को ऑफिस पहुँच कर दीपक सिंह नामदेव से रिश्वत संबंधी चर्चा किया। जिसमें दीपक सिंह किश्तों में रकम लेने हेतु राजी हो गया। पहली किश्त के रूप में 20 हजार रुपये देना तय हुआ। प्रार्थी ने इसकी जानकारी एसीबी को दी। जिस पर एसीबी के निरीक्षक लंबोदर पटेल ने उसे 18 जनवरी को सुबह साढ़े 9 बजे बेमेतरा सर्किट हाउस में बुलाया गया। साथ ही कलेक्टर रायपुर को पत्र भेज कर पंच साक्षी तैयार करवाये। जिनकी मौजूदगी में कलक्ट्रेट कवर्धा में स्थित अंत्यावसायी विकास निगम के दफ्तर की घेरेबंदी की गई। प्रार्थी को 500-500 रुपये के 40 नोट में फिनॉलफ्थलीन पावडर लगा कर आरोपी को देने भेजा गया।
जब कामू बैगा रकम देकर निकला तो एसीबी टीम को इशारा कर दिया। टीम ने अंदर रेड मारी और क्षेत्राधिकारी दीपक नामदेव से पूछताछ की। उसने पूछताछ में रकम पहले जेब मे फिर लिफाफे में रखना बताया। उससे रकम बरामद कर नोटों के नंबरो का मिलान किया गया जो कि एसीबी के द्वारा चिन्हित किये गए नोट ही थे। साथ ही आरोपी दीपक नामदेव के हाथ सोडीयम कार्बोनेट युक्त जल से धुलवाने पर पानी गुलाबी हो गया और उसके शर्ट की जेब भी पानी डालने पर गुलाबी हो गई। एसीबी के द्वारा विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत में प्रकरण पेश किया गया।
जहां विशेष लोक अभियोजक संतोष देवांगन ने पैरवी की। सारे तर्को को सुनने व साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश पंकज शर्मा ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत दोष सिद्ध पाते हुए 3 वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार रुपये अर्थदंड से आरोपी दीपक नामदेव को दंडित किया है। अर्थदंड की रकम न पटाने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।