Karnataka News: BS येदियुरप्पा के बेटे B Y विजयेंद्र बने कर्नाटक BJP के अध्यक्ष, जानिए पूरा मामला
Karnataka News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दीवाली के मौके पर बीएस येदियुरप्पा को बड़ा गिफ्ट दिया है। दरअसल बीजेपी ने येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को तत्काल प्रभाव से पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, महासचिव अरुण सिंह ने आज शुक्रवार को यह जानकारी दी।
Karnataka News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दीवाली के मौके पर बीएस येदियुरप्पा को बड़ा गिफ्ट दिया है। दरअसल बीजेपी ने येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को तत्काल प्रभाव से पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, महासचिव अरुण सिंह ने आज शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में विजयेंद्र विधायक चुने गए। विजयेंद्र को एक कुशल संगठनात्मक नेता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद के तौर पर नलिन कुमार कतील की जगह ली है। 2020 में विजयेंद्र को बीजेपी की कर्नाटक इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
Senior BJP leader BS Yediyurappa's son and party MLA BY Vijayendra appointed as Karnataka BJP president pic.twitter.com/GVetBoAUVm
— ANI (@ANI) November 10, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएस येदियुरप्पा कई महीनों से अपने बेटे को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए पैरवी कर रहे थे, हालांकि पार्टी के भीतर इस कदम का काफी विरोध हो रहा था। उनका तर्क था कि पार्टी वंशवाद की राजनीति में शामिल नहीं हो सकती। पार्टी आलाकमान इस मुद्दे पर अनिर्णय की स्थिति में था, जिससे पार्टी राज्य में गतिरोध की स्थिति में पहुंच गई थी। हालांकि इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से आज 10 नवंबर को जारी एक बयान में कहा गया कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधायक विजयेंद्र येदियुरप्पा को कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।
इसी के साथ येदियुरप्पा के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाने वाले 47 वर्षीय नेता विजयेंद्र की प्रदेश अध्यक्ष पर नियुक्ति के बाद कई महीनों की अटकलें समाप्त हो गईं। हालांकि इस बात की संभावना ज्यादा थी कि भाजपा अपनी राज्य इकाई का नेतृत्व करने के लिए किसी लिंगायत नेता को चुनेगी, लेकिन वंशवाद के मुद्दे को नजरअंदाज करते विजयेंद्र को प्रदेश की कमान सौंप दी गई। इस साल के शुरूआत में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को राज्य में सत्ता हासिल करने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मई में हुए चुनावों में भाजपा को कांग्रेस से बड़ी हार का सामना करना पड़ा।