Jheeram Naxalite Attack: सामने आएगा झीरम का सच : रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर गृह मंत्री शर्मा का बड़ा बयान, बोले- निकलवाना पड़ेगा जेब से सबूत
Jheeram Naxalite Attack: 2 दिन बाद यानी 25 मई को झीरम कांड की बरसी है। इस मामले की न्यायिक जांच चल रही है। एनआईए भी इस मामले की जांच कर रही है। इस बीच प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा का इस मामले में एक बड़ा बयान सामने आया है। शर्मा ने झीरम कांड की रिपोर्ट को लेकर बड़ी बात कही है।
Jheeram Naxalite Attack: रायपुर। झीरम घाटी (बस्तर) में 25 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस के काफिले पर हमला कर दिया था। इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री वीसी शुक्ल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा सहित कई बड़े नेताओं की मौत हो गई थी। तब प्रदेश में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार थी। इस घटना के बाद से इसको लेकर लगातार राजनीति होती है। कांग्रेस के नेता इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए बीजेपी सरकार पर सच छिपाने का आरोप लगाते हैं। वहीं, बीजेपी इस मामले में काग्रेस नेताओं को ही कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करती है।
इस मामले की कई स्तर पर जांच हुई है, लेकिन आज तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। अब प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान सामने आया है। जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान जब डिप्टी सीएम शर्मा से झीरम की रिपोर्ट सावर्जनिक किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारी सरकार झीरम की रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी। डिप्टी सीएम ने इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर भी कटाक्ष किया। कहा कि वे सबूत जेब में रखे हैं, लेकिन निकाल नहीं रहे हैं। उसे भी निकलवाना पड़ेगा। बता दें कि भूपेश बघेल लगातार यह बयान देते रहे हैं कि झीरमकांड का सबूत उनके पास है। बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस मामले की नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी भी गठित की थी, लेकिन उसकी जांच अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।
जाने क्या है मामला
2013 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाला। यह यात्रा बस्तर संभाग में भी पहुंची। सुकमा में सभा के बाद कांग्रेस नेताओं का पूरा काफिला जिसमें नंद कुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, पूर्व विधायक उदय मुदलियार, कोंटा विधायक कवासी लखमा सहित कांग्रेस के कई नेता, कार्यकर्ता और सुरक्षा कर्मी शामिल थे। कांग्रेस नेताओं का काफिला जैसे ही बस्तर की झीरम घाटी में पहुंचा पहले से घात लगाए बैठे नक्सलियों ने हमला बोल दिया। इस घटना में कुल 33 लोगों की मौत हुई थी। एक मात्र कवासी लखमा वहां से सुरक्षित निकलने में सफल रहे थे।
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जगदलपुर/रायपुर. झीरम घाटी नक्सल हमले की दसवीं बरसी पर एक बार फिर हत्याकांड की सच्चाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी सामने आई है. इसकी शुरुआत पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा के उस बयान से हुई, जिसमें उन्होंने मंत्री कवासी लखमा, पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के अलावा बस्तर आईजी और एसपी के नार्को टेस्ट की मांग की. शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए बस्तर पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने इस मांग का समर्थन किया. उन्होंने मंत्री लखमा के साथ-साथ तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह और इंटेलिजेंस व सुरक्षा के प्रभारी मुकेश गुप्ता के भी नार्को टेस्ट की मांग की है. वहीं, पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा है कि कांग्रेस को जांच रिपोर्ट से नहीं, बल्कि राजनीति से मतलब है। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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रायपुर। केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सुप्रीम कोर्ट से आज बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने एनआईए की याचिका को खारिज करते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस को मामले की जांच की अनुमति दे दी है। बात दें कि राज्य में सत्ता बदलने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इसके साथ ही राज्य पुलिस ने एनआईए से मामले के दस्तावेज देने का आग्रह किया था। लेकिन एनआईए ने दस्तावेज देने से इनकार करते हुए राज्य पुलिस की जांच के आदेश को कोर्ट में चुनौती दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य पुलिस इस मामले की जांच कर सकेगी। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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रायपुर। झीरमकांड को लेकर एक दिन पहले (21 नवंबर) आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में झीरमघाटी की घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों एक- दूसरे पर हमलावर हैं। कांग्रेस जहां अब सही जांच होने का दावा कर रही है तो भाजपा पूछ रही है कि सबुत जेब से कब बाहर निकलेगा। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें