नार्को से निकलेगा सच : छविंद्र कर्मा ने कवासी लखमा, अमित जोगी और बस्तर आईजी-एसपी के नार्को टेस्ट की मांग की, सीएम बोले – रमन सिंह और मुकेश गुप्ता का भी हो

जगदलपुर/रायपुर. झीरम घाटी नक्सल हमले की दसवीं बरसी पर एक बार फिर हत्याकांड की सच्चाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी सामने आई है. इसकी शुरुआत पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा के उस बयान से हुई, जिसमें उन्होंने मंत्री कवासी लखमा, पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के अलावा बस्तर आईजी और एसपी के नार्को टेस्ट की मांग की. शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए बस्तर पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने इस मांग का समर्थन किया. उन्होंने मंत्री लखमा के साथ-साथ तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह और इंटेलिजेंस व सुरक्षा के प्रभारी मुकेश गुप्ता के भी नार्को टेस्ट की मांग की है. वहीं, पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा है कि कांग्रेस को जांच रिपोर्ट से नहीं, बल्कि राजनीति से मतलब है.
25 मई, 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान नक्सलियों ने कांग्रेस की पहली पंक्ति के नेताओं की जान ले ली थी. इनमें महेंद्र कर्मा, तत्कालीन पीसीसी चीफ नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार, कांग्रेस नेता-कार्यकर्ताओं व सुरक्षाकर्मियों सहित 32 लोगों की हत्या कर दी थी. उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने मामले में एनआईए जांच के निर्देश दिए थे. इसी मामले में तत्कालीन रमन सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. हालांकि कांग्रेस लंबे समय से यह मांग करती रही कि झीरम घाटी की घटना एक राजनीतिक साजिश है. इस साजिश के पीछे कौन लोग थे, यह अब तक खुलासा नहीं हुआ है.
झीरम कांड की दसवीं बरसी पर स्व. कर्मा के बेटे छविंद्र ने नार्को टेस्ट की मांग रखी. छविंद्र ने केंद्र व राज्य दोनों सरकारों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. इस मामले में मीडिया ने जब सीएम बघेल से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि लखमा जी ही नहीं, बल्कि रमन सिंह और मुकेश गुप्ता की भी जांच होनी चाहिए. सीएम ने कहा, जांच कर लें. इसमें तकलीफ क्या है. जांच में सच्चाई सामने आनी चाहिए. जांच एनआईए कर रही है. भारत सरकार कर रही है. जांच हमें दें न हम सब करेंगे.
इससे पहले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम ने परिजन से कहा, आज नहीं तो कल सच्चाई सामने आएगी. केंद्र में हमारी सरकार होगी तो निश्चित रूप से जांच में नतीजे आएंगे. बहुत जल्दी अपराधी उनका जो स्थान है, वहां पहुंच जाएंगे. मैं इस अवसर पर सभी शहीदों को नमन करते हुए सभी परिजन के इस दुख में छत्तीसगढ़ सरकार और हम सब साथ हैं. जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक लड़ाई जारी रखेंगे.
रमन ने उठाए सवाल
पूर्व सीएम रमन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है. उन्होंने अपने संदेश में कहा, झीरम की दसवीं बरसी पर मैं सभी शहीदों को श्रद्धापूर्वक याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. जहां तक सवाल है जांच का और जांच की प्रगति का तो आपको स्पष्ट मालूम है कि उस दौर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी थे. उन्होंने एनआईए जांच के निर्देश दिए थे. एनआईए सर्वोच्च संस्था है. एनआईए ने जांच कर अपनी चार्जशीट पेश कर दी है. उस जांच को आगे बढ़ाने के लिए हमने जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई. कमेटी ने राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. इसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी बनाई. देश की सर्वोच्च संस्था ने अपनी रिपोर्ट दे दी. उस पर आगे काम करते, लेकिन उन्हें रिपोर्ट से मतलब नहीं है, कार्रवाई से मतलब नहीं है, बल्कि राजनीति से मतलब है.

Manoj Vyas
मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।