Big Decision:निकाह पढ़ाने वाले इमाम-मौलाना 1100 रूपए से ज्यादा नहीं ले सकते, छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला

छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने समस्त वक्फ संस्थाओं (मस्जिद, मदरसा, दरगाह) के मुतवल्लीयों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है जिसमें यह कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में अब निकाह पढ़ाने के लिए ईमाम-मौलाना द्वारा जो नजराना लिया जाता है वह 11 सौ रूपये से अधिक नहीं होगा।

Update: 2025-06-03 13:50 GMT
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Big Decision:निकाह पढ़ाने वाले इमाम-मौलाना 1100 रूपए से ज्यादा नहीं ले सकते, छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला

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छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने समस्त वक्फ संस्थाओं (मस्जिद, मदरसा, दरगाह) के मुतवल्लीयों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है जिसमें यह कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में अब निकाह पढ़ाने के लिए ईमाम-मौलाना द्वारा जो नजराना लिया जाता है वह 11 सौ रूपये से अधिक नहीं होगा।

डॉ सलीम राज के पास विगत दिनों कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी कि किसी एक इमाम/मौलाना ने निकाह पढ़ाने के लिए 5100 रूपये नजराना/उपहार न दिये जाने पर निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया और वहां से चले गये। इस प्रकार की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डॉ सलीम राज ने यह आदेश जारी किया है कि अब प्रदेश भर के इमाम-मौलाना निकाह पढ़ाने के लिए 11 सौ रूपये से अधिक नजराना नहीं ले सकेंगे। इस्लाम में शरीयत का भी यह हुक्म है कि निकाह को आसान करें। पूरे प्रदेश में लगभग 800 से अधिक इमाम और मौलाना है जो निकाह पढ़ाने का काम करते हैं, यदि किसी इमाम या मौलाना द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है या किसी इमाम या मौलाना के विरूद्ध इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

डॉ सलीम राज ने कहा कि, यह फरमान जारी करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि, समाज के अति पिछड़ा वर्ग और गरीब वर्ग के लोग को सहूलियत दी जाये, चूंकि एक गरीब परिवार के लिए 5100 रूपये बहुत महत्व रखता है उसे कमाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिए अब गरीब परिवार के लोगों को निकाह पढ़ाने के लिए कोई बड़ी रकम नजराना नहीं देना होगा।

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