Jhaliamari incident: जिस कांकेर में नाबालिक आदिवासी का हुआ गर्भपात, वहीं हुआ था झलियामारी कांड, जानिये..क्‍या था वह मामला

Jhaliamari incident: कांकेर के एक सरकारी हास्‍टल में नाबालिक लड़की के गर्भपात का मामले पर सियासी रंग चढ़ता नजर आ रहा है। कांग्रेस ने इसको लेकर राज्‍य सरकार पर अटैक करना शुरू कर दिया है।

Update: 2024-07-15 14:07 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। कांकेर के पखांजुर ब्लॉक के छोटे बेठिया स्थित आवासीय परिसर में 16 साल की छात्रा के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। प्रदेश के सरकारी छात्रावासों और आश्रमों में लड़कियों के यौन शोषण का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसी साल मार्च में नारायणपुर में भी एक मामला सामने आया था। वहां 12वीं की छात्रा ने बच्‍चे को जन्‍म दिया था। आश्रमों में यौन शोषण के लगातार सामने आ रहे मामलों पर कांग्रेस ने राज्‍य सरकार पर अटैक करना शुरू कर दिया है। पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया में आज एक पोस्‍ट किया गया है। इसमें कांग्रेस ने कहा कि विष्णुदेव की सरकार 16 वर्षीय छात्रा के गर्भवती होने और उसके गर्भपात करवाने के मामले को दबाने लगी हुई है।झलियामारी का दर्द छत्तीसगढ़ भुला नहीं था की भाजपा सरकार आते ही फिर असुरक्षित हुए छात्रावास..

जानिये...क्‍या हुआ था झलियामारी में

झलियामारी प्रदेश के इतिहास को कलंकित करने वाली घटना है। यह मामला भी कांकेर जिला का ही है, जो 2013 में उजागर हुआ था। वहां सरकारी हास्‍टल में रहने वाली करीब 15 नाबालिक बच्चियां यौन शोषण का शिकार हो गई थीं। मामला उजागर होने के बाद इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ।

इस मामले में आश्रम के चौकीदार दीनानाथ नागेश और शिक्षाकर्मी मन्‍नूराम गोटा सहित कई लोगों को सजा हुई है। कांकेर की फास्‍टट्रैक कोर्ट ने चौकीदार और शिक्षाकर्मी के साथ आश्रम की वार्डन बबीता मरकाम को आजीवन करावास की सजा दी। वहीं गांव के उप सरपंच सकालूराम, पंच लच्‍छु नेताम, खंड शिक्षा अधिकारी एसएस नवर्जी और सहायक खंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र नायक को 5-5 साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही वहां के सहायक शिक्षक सागर कटलाम को भी एक वर्ष की सजा हुई थी। पीड़ि‍त बच्चियों को 7-7 लाख रुपये मुआवजा का भी आदेश कोर्ट ने दिया था।

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