जशपुर गैंगरेप मामला: तीन बरस पहले भी हुआ था गैंगरेप..आदिवासी बच्ची ने किया खुलासा.. रिपोर्ट दर्ज
जशपुर,20 फ़रवरी 2022। जशपुर गैंगरेप मामले में आदिवासी बच्ची और उसकी सहेली के द्वारा तीन बरस पहले भी हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। पंडरापाट इलाक़े की निवासी आदिवासी बच्ची के साथ सत्रह फ़रवरी को तब गैंगरेप हुआ जबकि वह विवाह समारोह में परिचित के घर गई हुई थी। आरोपियों ने बच्ची को अगवा कर लिया और विरोध करने पर निर्ममता से पिटाई कर सामूहिक दुष्कर्म किया।
गंभीर चोटों के साथ चिकित्सकों की सतत निगरानी में मौजुद पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि तीन बरस पहले भी उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। ग्रामीण पृष्ठभूमि, बेहद कम उम्र और पारिवारिक सामाजिक परिस्थिति में बच्ची डर कर चुप रह गई। तीन वर्ष पहले का अर्थ यह हुआ कि जबकि पहली बार बच्ची के साथ सामुहिक दुष्कर्म हुआ तब उसकी उम्र बारह तेरह साल के दरमियानी थी।
इस बार जबकि बच्ची थाने पहुँची तब उसने और उसकी सहेली ने तीन बरस पहले के गैंगरेप के घटनाक्रम को भी बता दिया। हालाँकि पुलिस ने बगीचा थाने में जो FIR क़ायम की उसमें केवल सत्रह फ़रवरी की घटना का उल्लेख था।
हालाँकि अब से कुछ देर पहले ज़िले के कोतवाली में तीन वर्ष पहले हुए गैंगरेप मामले में 0/2022 के तहत FIR क़ायम करते हुए पुलिस ने धारा 376D,506IPC,4,6 पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने अब तक दो आरोपियों की गिरफ़्तारी का दावा किया है। जबकि सत्रह फ़रवरी के घटनाक्रम में एक नाबालिग सहित अब तक तीन आरोपी की गिरफ़्तारी करने और शेष आरोपियों की पता तलाश जारी रखने का दावा पुलिस ने किया है।
हालाँकि इस पूरे मामले में जशपुर पुलिस आलोचना के केंद्र में है। आरोप लगाए गए हैं कि पुलिस से कार्यवाही में देरी हुई, वहीं जबकि पीड़ित ने चौकी पंडरापाट और थाना बगीचा में पुराने सामूहिक दुष्कर्म की जानकारी दी तो भी तत्काल कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि क़रीब 36 घंटे का समय और लग गया। भाजपा ने इसे क़ानून व्यवस्था के विषय से जोड़ कर सरकार के महिला सुरक्षा के दावों पर सवाल पूछे हैं। इस मामले में रायगढ़ सासंद गोमती साय के तल्ख तेवरों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सासंद गोमती साय ने प्रशासन से दो टूक सवाल किया है
*"आदिवासी बच्ची है, मामले में अब तक एट्रोसिटी नहीं लगी है"*