इस बार हरेली में गेड़ी बेचेगी सरकार, वन विभाग के कार्यालयों और सी-मार्ट के जरिये होगी बिक्री

छत्‍तीसगढ़ के पहले लोक पर्व हरेली पर इस बार सरकार आम लोगों की सुविधा के लिए गेड़ी उपलब्‍ध कराने की तैयारी में है। गेड़ी वन विभाग के कार्यालयों और सी-मार्ट के जरिये बेचा जाएगा।

Update: 2023-07-03 12:46 GMT

रायपुर। इस बार हरेली त्योहार पर सरकार गेड़ी बेचेगी। गेड़ी की बिक्री राज्‍य के वन विभाग के कार्यालयों और सी- मार्ट के जरिये की जाएगी। इससे बसोडों (बांस का काम करने वालों) को रोजगार मिलेगा वहीं, आम लोगों को भी गेड़ी खरीदने में सुविधा होगी। फिलहाल गेड़ी की दर तय नहीं की गई है। अफसरों ने बताया कि गेड़ी की कीमत बसोड तय करेंगे। विभाग केवल उसकी बिक्री में सहयोग करेगा।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास राव ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर वन-विभाग द्वारा गेड़ियों का निर्माण करके विक्रय किया जाएगा। हरेली तिहार के साथ गेड़ी चढ़ने की परंपरा अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। त्योहार के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी परिवारों द्वारा गेड़ी का निर्माण किया जाता है, परिवार के बच्चे और युवा गेड़ी का जमकर आनंद लेते हैं। गेड़ी चढ़कर ग्रामीण-जन और कृषक-समाज वर्षा ऋतु का स्वागत करता है। वर्षा ऋतु में के दौरान गांवों में सभी तरफ कीचड़ होता है, लेकिन गेड़ी चढ़कर कहीं भी आसानी से आया-जाया जा सकता है।

गेड़ियां बांस से बनाई जाती है। दो बांस में बराबरी दूरी पर कील लगाई जाती है। एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर उसे दो भागों में बांटा जाता है, उसे रस्सी से फिर से जोड़कर दो पउवा बनाया जाता है। यह पउवा असल में पैरदान होता है, जिसे लंबाई में पहले काटे गए दो बांसों में लगाई गई कीलों के ऊपर बांध दिया जाता है। गेड़ी पर चलते समय रच-रच की ध्वनि निकलती है, जो वातावरण को और आनंददायक बना देती है।

इस वर्ष 17 जुलाई को है हरेली

हरेली तिहार सावन के अमवस्‍या के दिन मानया जाता है। इस वर्ष हरेली तिहार 17 जुलाई को है। छत्‍तीसगढ़ की परंपरा में इसे साल का पहला त्‍योहार माना जाता है। इस दिन किसान खेती- किसानी में काम आने वाले उपकरणों के साथ गाय- बैल की भी पूजा करते हैं। राज्‍य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से हरेली सरकार के स्‍तर पर मनाया जाने लगा है।

Full View

Tags:    

Similar News