Indira Gandhi Agricultural University: कैंसर से लड़ेगी छत्‍तीसगढ़ की ‘संजीवनी’: कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की धान की इम्यूनोबूस्टर और कैंसर रोधी किस्म

Indira Gandhi Agricultural University: रायपुर। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 20 जनवरी को कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान वे कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित संजीवनी धान के तीन इम्यूनोबूस्टर उत्पादों का करेंगे लोकार्पण। कृषि स्टार्टअप तथा पोषण एवं लोक स्वास्थ्य पर केन्द्रित दो संगोष्ठियों का होगा शुभारंभ।

Update: 2024-01-19 15:40 GMT

NPG Story

Indira Gandhi Agricultural University: रायपुर। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन करेंगे। समारोह में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद रायपुर सुनील सोनी, धरसींवा विधायक अनुज शर्मा तथा रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी उपस्थित रहेंगे।

विश्वविद्यालय ने विकसित की धान की इम्यूनोबूस्टर एवं कैंसर रोधी किस्म ‘संजीवनी’

उप राष्ट्रपति धनखड़ इस अवसर पर इम्यूनोबूस्टर एवं कैंसर रोधी धान की नवीन किस्म ‘संजीवनी’ से निर्मित तीन उत्पादों संजीवनी इंस्टैन्ट, संजीवनी मधु कल्क तथा संजीवनी राइस बार का लोकार्पण भी करेंगे। धान की नवीन किस्म ‘संजीवनी’ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर, मुम्बई के साथ किये गये अनुसंधान द्वारा विकसित की गई है। उप राष्ट्रपति इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो एक दिवसीय संगोष्ठियों का शुभारंभ भी करेंगे, जिनमें से एक कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप, नवाचार एवं उद्यमिता विकास पर केन्द्रित होगी तथा एक अन्य संगोष्ठी कृषि, पोषण एवं लोक स्वास्थ्य पर केन्द्रित होगी। श्री धनखड़ इस मौके पर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित किसानोपयोगी ‘‘कृषि दर्शिका 2024’’ का विमोचन भी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने संजीवनी का विकास छत्तीसगढ़ की पारंपरिक देशी औषधीय धान की किस्मों से चयन द्वारा किया गया है। इसके औषधीय गुणों के वैज्ञानिक आधार का विस्तृत विश्लेषण कर एक ऐसी प्रजाति का विकास किया गया है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम है तथा केवल 10 दिन तक इसका उपयोग करने पर प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह किस्म भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर, मुम्बई के सहयोग से विगत छह वर्षां तक किये गये अनुसंधान के द्वारा विकसित की गई है।

स्थापना दिवस समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, कुलसचिव जी.के. निर्माम सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न शासकीय विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, प्रगतिशील कृषकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की स्थापना 20 जनवरी 1987 को हुई थी। इस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ प्रदेश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे विश्वविद्यालय अपने 28 महाविद्यालयों, 08 अनुसंधान केन्द्रों एवं 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कर रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात् 52 फसलों की लगभग 162 प्रजातियों का विकास किया गया है एवं कृषि से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए 100 से अधिक तकनीकें विकसित की गई है।

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