EPFO New Guidelines : EPFO का बड़ा फैसला : अब नौकरी बदलना नहीं होगा जोखिम भरा, संडे और सरकारी छुट्टी से नहीं कटेगा आपका क्लेम, पढ़े पूरी खबर

EPFO New Guidelines : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने करोड़ों निजी कर्मचारियों और उनके परिवारों के हित में एक बड़ा क्रांतिकारी फैसला लिया है।

Update: 2025-12-19 10:24 GMT

EPFO New Guidelines : EPFO का बड़ा फैसला : अब नौकरी बदलना नहीं होगा जोखिम भरा, संडे और सरकारी छुट्टी से नहीं कटेगा आपका क्लेम, पढ़े पूरी खबर

EPFO New Guidelines : नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने करोड़ों निजी कर्मचारियों और उनके परिवारों के हित में एक बड़ा क्रांतिकारी फैसला लिया है। नौकरी पेशा लोगों के लिए अक्सर एक कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी जॉइन करने के बीच का समय (Gap) बड़ी चिंता का विषय रहता था, खासकर तब जब इस दौरान कोई अनहोनी हो जाए। EPFO ने अब सर्विस ब्रेक (Service Break) की परिभाषा बदलते हुए एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसका सीधा फायदा नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों और उनके आश्रितों को बीमा और पेंशन के रूप में मिलेगा।

EPFO New Guidelines : छुट्टियों की वजह से अब नहीं रुकेगा क्लेम

EPFO के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब शनिवार, रविवार या किसी भी सरकारी छुट्टी की वजह से कर्मचारी की सर्विस को 'ब्रेक' नहीं माना जाएगा। पहले की व्यवस्था में कई बार ऐसा देखा गया था कि यदि कोई कर्मचारी शुक्रवार को एक कंपनी छोड़ता था और सोमवार को दूसरी कंपनी जॉइन करता था, तो बीच के दो दिनों (शनिवार-रविवार) को 'सर्विस गैप' मान लिया जाता था। इस तकनीकी कारण से कई बार डेथ क्लेम (Death Claim) और इंश्योरेंस के पैसे अटक जाते थे। अब EPFO ने साफ कर दिया है कि वीकली ऑफ, नेशनल हॉलीडे या गजटेड हॉलीडे को लगातार सर्विस (Continual Service) का हिस्सा माना जाएगा।

EPFO New Guidelines : क्यों पड़ी इस बदलाव की जरूरत?

EPFO के पास ऐसे कई मामले सामने आए जहाँ कर्मचारी की अचानक मृत्यु के बाद उनके परिजनों का एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) क्लेम सिर्फ इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि दो नौकरियों के बीच मामूली गैप था। कई बार क्षेत्रीय अधिकारियों ने सर्विस की गणना में कठोरता दिखाई, जिससे पीड़ित परिवारों को बीमा की राशि नहीं मिल पाई। इसी विसंगति को दूर करने और मानवीय आधार पर राहत देने के लिए संगठन ने नियमों में ढील दी है। अब 60 दिनों तक के गैप को भी कुछ विशेष परिस्थितियों में 'कंटिन्यूअल सर्विस' का हिस्सा माना जा सकता है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य अधिक सुरक्षित हो गया है।

EDLI स्कीम के तहत नॉमिनी को बड़ी राहत

इस सर्कुलर का सबसे बड़ा फायदा मृत कर्मचारी के नॉमिनी या कानूनी वारिस को मिलेगा। EPFO ने EDLI योजना के तहत मिलने वाले न्यूनतम भुगतान को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की है। अब नॉमिनी को कम से कम 50,000 रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया गया है, भले ही कर्मचारी ने लगातार 12 महीने की नौकरी पूरी न की हो। अधिकतम बीमा राशि 7 लाख रुपये तक होती है। अब यह फायदा तब भी मिलेगा जब कर्मचारी के पीएफ खाते में औसत बैलेंस 50,000 रुपये से कम हो, बशर्ते मौत आखिरी पीएफ योगदान के छह महीने के भीतर हुई हो और कर्मचारी रिकॉर्ड में दर्ज हो।

नौकरी बदलने वालों के लिए नई परिभाषा

संगठन ने स्पष्ट किया है कि 'लगातार सेवा' का मतलब अब केवल एक ही कंपनी में टिके रहना नहीं है। यदि आप एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाते हैं और बीच में केवल छुट्टियां आती हैं, तो आपकी सर्विस हिस्ट्री बेदाग मानी जाएगी। यह नियम उन लोगों के लिए वरदान है जो बेहतर करियर के लिए बार-बार स्विच करते हैं। इससे न केवल इंश्योरेंस कवर बना रहेगा, बल्कि पेंशन (EPS) की पात्रता के लिए जरूरी 'कुल सेवा अवधि' की गणना भी अधिक सटीक और कर्मचारी-अनुकूल होगी।

परिवारों को मिलेगी कानूनी विवादों से मुक्ति

EPFO का यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने और कानूनी विवादों को कम करने की दिशा में बड़ा कदम है। पहले छोटी तकनीकी खामियों के कारण परिजनों को सालों तक दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। अब, न्यूनतम भुगतान और छुट्टियों को सर्विस में शामिल करने से दावे (Claims) आसानी से सेटल होंगे। यह फैसला प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा (Social Security) का वह अहसास दिलाता है, जिसकी कमी अक्सर महसूस की जाती थी। अब कर्मचारी बिना किसी डर के अपने करियर में बदलाव कर सकते हैं, क्योंकि उनकी सर्विस और परिवार की सुरक्षा अब 'कैलेंडर की छुट्टियों' की मोहताज नहीं रहेगी।

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