Chhattisgarh News: अध्यक्षों से छीन गया कैश का पावर: निकाय चुनाव से पहले सरकार ने दिया तगड़ा झटका
Chhattisgarh News: राज्य सरकार ने आज नगरीय निकायों के कानून में एक बड़ा संशोधन किया है। इससे निकायों के अध्यक्षों का कैश पॉवर खत्म हो गया है। निकाय चुनाव से पहले राज्य सरकार के इस फैसले को बड़ा झटका माना जा रहा है।
Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने नगरीय निकायों में चेक का पॉवर फिर एक बार अफसरों के हाथों में सौंप दिया है। राज्य सरकार ने इसके लिए नगर पालिका अधिनियम में संशोधन किया है। इसके तहत अब केवल निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) ही चेक पर साइन करेंगे।
जानकारों के अनुसार पहले भी चेक साइन करने का पॉवर केवल सीएमओ के पास था, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नियम में संशोधन करते हुए अध्यक्षों को भी चेक साइन करने का पॉवर दे दिया। सत्ता में लौटी बीजेपी ने फिर नियम बदल दिया। इस पर सियासत गरमा सकती है। इस बीच सरकार के इस फैसले के साथ ही इसकी टाइमिंग को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
बता दें कि राज्य में इस साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होना है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। निकायों में वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। जल्द ही मतदाता सूची के लिए कार्यक्रम जारी हो सकता है। चुनाव से ठीक पहले सरकार ने अध्यक्षों से चेक साइन करने का पॉवर छीन लिया है।
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि राज्य के ज्यादातर निकायों में इस वक्त कांग्रेस का कब्जा है। नगर निगम से लेकर नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में महापौर और अध्यक्ष कांग्रेस के ही हैं। ऐसे में सरकार के इस फैसले को कांग्रेसी अध्यक्षों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चूंकि इस वर्ष के अंत में चुनाव होना है, इस वक्त जनप्रतिनिधि ज्यादा से ज्यादा काम स्वीकृत करने और अपनों को उपकृत करने का प्रयास करते हैं। ऐसे वक्त में चेक साइन करने का पॉवर छीने जाने का सीधा असर जनप्रतिधियों के वोट बैंक पर पड़ सकता है।
इधर, सरकार के सूत्रों का कहना है कि चुनावी समय में मन माने कामों की स्वीकृति के साथ ही भुगतान (चेक काटे जाने) की आशंका रहती है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। सरकारी तंत्र का दावा है कि नियमों में बदलाव से भ्रष्टाचार और सरकारी धन के अपव्यय पर रोक लेगी। जनप्रतिनिधि अफसरों पर भुगतान के लिए दबाव नहीं बना सकेंगे।