Chhattisgarh News: शिक्षक पदोन्नित संशोधन घोटाला: सैंया भय कोतवाल तो डर काहे का
Chhattisgarh News: भर्ती घोटाले की जांच के लिए राजधानी से पहुंचे अफसर ने जिन पर है भ्रष्टाचार का दाग उनको साथ बैठाए रखा। अचरज की बात ये कि शिक्षकों से लिखित में लिए जा रहे बयान को दोषी अफसर और बाबू ना केवल पढ़ते रहे वरन डांट डपट कर अपनी मनमर्जी के मुताबिक सुधरवाते भी रहे।इधर जांच अधिकारी जेडी जेपी रथ मूकदर्शक बने रहे। सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी जांच का क्या मतलब जिसमे दोषी अफसर और बाबू के सामने सबकुछ काला पीला हो रहा हो।
Chhattisgarh News: बिलासपुर। पदोन्नति के बाद तबादला और फिर संशोधन के बाद मनमुताबिक स्कूल में नौकरी करने के लिए बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए गुरुवार को राजधानी रायपुर से ज्वाइन डायरेक्टर जेपी रथ को स्कूल शिक्षा विभाग ने जांच अधिकारी बनाकर बिलासपुर भेजा है। जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा भवन में अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला।
जांच अधिकारी के साथ पदोन्नति घोटाले में जिस पर जांच की आंच पहुंची है तत्कालीन प्रभारी संयुक्त संचालक शिक्षा एके प्रसाद व सहायक ग्रेड 02 विकास तिवारी एक साथ बैठे नजर आए। शिक्षकों को एक प्रपत्र उनके द्वारा दिया गया था। जिसमें तकरीबन 15 बिंदुओं पर लिखित में जवाबा पेश कर जांच अधिकारी को सौंपना था। शिक्षकों को भेजे गए पत्र में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि पूरी शिकायत उनके द्वारा लिखित में दी गई जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगा। पर यहां तो सब कुछ उलटा पुलटा होते दिखाई दिया।
गोपनीयता के नाम पर शिक्षकों के साथ मजाक किया गया है। शिक्षकों के द्वारा दी जा रही लिखित जानकारी सीधे दागी अफसर एके प्रसाद ले रहे थे। शिक्षकों की लिखित शिकायत को ना केवल ले रहे थे साथ ही पढ़ भी रहे थे और जहां प्रतिकूल टिप्पणी शिक्षकों के द्वारा की गई थी उसे सुधरवा भी रहे थे।
अचरज की बात ये कि जांच अधिकारी जेडी रथ औपचारिकता निभाते नजर आए। पहले दिन 435 शिक्षकों का लिखित बयान जांच अधिकारी ने लिया। शुक्रवार को भी शेष शिक्षकों की पेशी होगी और उनसे भी कुछ इसी अंदाज में शिकायत लेने कीऔपचारिकता जांच अधिकारी द्वारा निभाई जाएगी। बिलासपुर संभाग के 799 शिक्षकों का बयान और लिखित शिकायत दर्ज किया जाना है।
क्या है मामला
बिलासपुर शिक्षा संभाग में हुए इस घोटाले की फाइल एक बार फिर खुल गई है। पदोन्नति के बाद 799 शिक्षकों का पदस्थापना आदेश फिर संशोधन को लेकर जेडी कार्यालय में रातों-रात कलम चलाई गई थी। संशोधन के खेल में लाखों का वारा-न्यारा भी हुआ। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। आखिर में राज्य शासन ने बड़े पैमाने पर हुए इस घोटाले को लेकर जेडी स्तर पर किए गए पदोन्नति के बाद पदस्थापना आदेश को रद कर दिया था। तब इसमें बड़ा बवाल भी मचा था।पदोन्नित के बाद पदस्थापना में किए गए बड़े खेल को लेकर जांच शुरू हो गई है। बिलासपुर शिक्षा संभाग के मामले की जांच के लिए राज्य शासन ने जेडी जेपी रथ को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
शिक्षकों से जांच अधिकारी कुछ इस तरह ले रहे लिखित जवाब
पदोन्नति के बाद जिन शिक्षकों का पदस्थापना हुआ है ऐसे सभी शिक्षकों की पेशी होगी। पेशी के दौरान जांच अधिकारी सीधे सवाल करेंगे। मसलन पदोन्नति के बाद जब पदस्थापना आदेश जारी कर दिया गया था तब संशोधन किस आधार पर हुआ। संशोधन के दौरान आप लोगों ने जेडी दफ्तर के अफसरों को घुस तो नहीं दिया। संशोधन आदेश में लेन देन तो नहीं हुआ। संशोधन के बहाने जेडी कार्यालय के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों ने पैसे देने मजबूर तो नहीं किया।
600 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
शिक्षकों के प्रमोशन के बाद पदस्थापना में बड़े पैमाने में हुए घोटाले के बाद राज्य शासन से पदस्थापना आदेश को रद कर दिया था। शासन के फैसले के खिलाफ 600 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई होने तक जिन शिक्षकों की जिस स्कूल में पदस्थापना आदेश जारी किया गया है वहीं पदस्थ रहने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह भी व्यवस्था दी थी कि अगर शिक्षक रिलीव हो गए हैं तो ना ही नई जगह ज्वाइन कर सकेंगे और ना ही पुरानी जगह रिलीव ही रहेंगे।
फार्मेट में इन सवालों का मांग रहे जवाब
01. नाम-
02 पदनाम-
03. वर्तमान पदस्थापना शाला / विकासखंड/ जिला -
04. काउंसलिग तिथि-
05. आप किस संवर्ग के शिक्षक हैं (ई/टी)-
06. काउंसलिंग के पूर्व / काउंसलिंग स्थल पर जितने पद हेतु काउंसलिंग हो रही थी उत्तने पद प्रदर्शित किये गये थे अथवा नहीं।
07 काउंसलिंग प्रकिया मेरिट कम अनुसार हो रही थी या नहीं।
08. काउंसलिंग में चयनित शाला का नाम-
09. काउंसलिंग में आपने जिस स्कूल का चयन किया था उसी हेतु आपका आदेश पदांकन हेतु निकला था या नहीं? क्या वहाँ पदभार ग्रहण किया?
10. क्या आपके द्वारा काउंसलिंग के पश्चात् पदांकन स्थल परिवर्तन हेतु गया था। आवेदन किया11. यदि हाँ तो आवेदन दिनांक बतायें एव किस अधिकारी/कर्मचारी को आवेदन प्रस्तुत किया गया?
12. पदांकन पश्चात संशोधन हेतु आवेदन कहाँ किया गया ?
13. काउसलिंग पश्चात् पदस्थापना परिवर्तन किये जाने का क्या कारण था।
14. क्या संशोधन हेतु पैसो की मांग की गई या कोई आर्थिक लेन-देन किया गया।
15. यदि हाँ तो उसकी जानकारी / साक्ष्य उपलब्ध करावें?