Chhattisgarh News: खाद्य मंत्री के गृह जिले में किसानों की बढ़ी परेशानी: सूखत के बहाने डेढ़ से दो किलो ज्‍यादा ले रहे हैं धान

Chhattisgarh News: नवागढ़ के विधायक व खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के गृह जिला बेमेतरा के किसानों की परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की समितियों व खरीदी केंद्र प्रभारियों ने लूट मचा रखी है। खरीदी के लिए बनाए गए नियमों व मापदंडों का पालन नहीं हो रहा है। किसान परेशान हैं। दिक्कत ये कि आखिर कहां शिकायत करें जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। खरीदी केंद्रों में किसानों से डेढ़ से दो किलोग्राम प्रति तौल ज्यादा लिया जा रहा है। मतलब साफ है, एक-एक समितियां धान खरीदी से करोड़ों का गोलमाल करेगी। सूखत के बहाने एक बार धान खरीदी में बड़े पैमाने पर खेला की तैयारी है।

Update: 2025-01-01 07:08 GMT

Chhattisgarh News: बिलासपुर। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए राज्य शासन ने जो नियम व मापदंड तय किए हैं समितियां या फिर खरीदी केंद्र ना तो उस पर अमल कर रही है और ना ही उस अनुरुप खरीदी। प्रति बोरा 40 किलोग्राम का तौल किया जाना है। खरीदी केंद्रों में तय वजन से दो से ढाई किलोग्राम प्रति तौल ज्यादा लिया जा रहा है। मतलब साफ है, एक-एक समितियां करोड़ों के गोलमाल की तैयारी में है। सीमांत से लेकर बड़े किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अचरज की बात ये कि खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के गृह जिले के किसानों को भी इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समितियों का ना तो किसी का डर रह गया है और सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के परिपालन की गरज। खरीदी केंद्र प्रभारियों की सीधेतौर पर दादागीरी चल रही है।

लघु से लेकर सीमांत और बड़े सभी किसानों की परेशानी इस बार कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। धान बेचने के लिए समितियों द्वारा किसानों को बारदाना दिया जाता है। एक बारदाने का वजन 500 ग्राम के करीब होता है। एक बारदाना में 40 किलोग्राम भरती के हिसाब से धान की तौलाई की जाती है। बारदाने का वजन सहित 40 किलो 500 ग्राम धान की तौलाई की जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के अमूमन सभी समितियों में 41 से 42 किलोग्राम धान की तौलाई की जा रही है। किसानों की मजबूरी ये कि तौल के समय अगर विवाद करते हैं तो संबंधित किसान के धान को छोड़कर उसके बाद के नंबर वाले किसान का धान तौल करना शुरू कर देते हैं। इसमें सबसे बड़ी परेशानी ये कि किसान को दोबारा टोकन लेना पड़ेगा। टोकन कब का मिलेगा यह भी तय नहीं रहता। लंबा इंतजार के बाद जब नंबर आएगा तब फिर वही दिक्कत।आखिर में परेशान किसान सरेंडर हो जाते हैं और जितनी मर्जी उतना धान का तौल फिर केंद्र प्रभारी के इशारे पर हमाल करने लगते हैं।

सूखत के नाम पर करोड़ों का खेल

खरीदी केंद्रों से संग्रहण केंद्रों या फिर सीधे राइस मिलर्स को खरीदी केंद्रों से धान का उठाव करना है। राइस मिलरों की हड़ताल के कारण प्रदेशभर में धान का उठाव बेहद धीमी गति से हो रही है। लंबे समय तक खरीदी केंद्रों में धान का उठाव ना होने के कारण सूखत की समस्या आती है। यही सूखत का बहाना अब समितियों के लिए करोड़ों के गोलमाल का जरिया बन गया है। दो से ढाई किलोग्राम प्रति तौल किसानों से ज्यादा धान लिया जा रहा है।

 बिलासपुर जिले में भी शिकायत, कलेक्टर ने डिप्टी रजिस्ट्रार को जारी किया शोकाज नोटिस

छत्तीसगढ़ के अमूमन सभी जिलों में इस तरह की स्थिति बनी हुई है। बिलासपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने मंगलवार को इसी तरह की गड़बड़ी और किसानों की शिकायत के बाद भी कार्रवाई ना किए जाने के आरोप में उप पंजीयक को शोकाज नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब 24 घंटे के भीतर देने का निर्देश दिया है। मोहलत के अनुसार आज शाम तक उप पंजीयक को जवाब पेश करना होगा।

 कांग्रेस करेगी आंदोलन

प्रदेशभर में किसानों की समस्याओं को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आंदोलन की चेतावनी दी है। जिला मुख्यालयों में पीसीसी बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है।

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