Bilaspur High Court: महिला चिकित्सक की याचिका पर हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग, डिवीजन बेंच ने जारी किया ये आदेश

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Update: 2025-01-03 14:50 GMT

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Bilaspur High Court: बिलासपुर। सरकारी नौकरी करते पीजी की पढ़ाई की अनुमति संबंधी बाध्यता के मद्देनजर डा रूखसार परवीन ने अर्जेंट हियरिंग की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की थी। दरअसल नेशनल बोर्ड ऑफ़ एजुकेशन इन मेडिकल साइंस ने नोटिफिकेशन कर इस तरह की अनिवार्यता रख दी है। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर डिवीजन बेंच ने महिला चिकित्सक को पीजी करने अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिया है।

डा रुखसार परवीन ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वह महासमुंद मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट हैं। बीते मार्च 2023 में नीट पीजी की परीक्षा उत्तीर्ण कर पीजी में प्रवेश ले लिया। इसके बाद रामकृष्णा केयर अस्पताल रायपुर से एनेस्थिसियोलाजी में कोर्स करना शुरू कर दिया। एक साल की पढ़ाई पूरी भी हो चुकी है।

दूसरे सत्र की पढ़ाई के दौरान ही नेशनल बोर्ड ऑफ़ एजुकेशन इन मेडिकल साइंस का एक नोटिफिकेशन जारी किया। जारी अधिसूचना में पीजी की डिग्री पूरी करने के लिए शासकीय सेवा में कार्यरत चिकित्सकों को शासन की अनुमति व अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने कीअनिवार्यता रख दी है।ऐसा नहीं करने पर प्रवेश रद्द किये जाने की चेतावनी भी दी है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि अभ्यावेदन पेश कर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का अनुरोध विभाग से किया था। अवर सचिव चिकित्सा शिक्षा ने डीएमई को 26 दिसंबर को पत्र भी भेजा था। शीतकालीन अवकाश के ठीक बाद आज पहले ही दिन हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग का आवेदन दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।

 शासन ने बताया कि डीएमई को लिखा है पत्र

सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने बताया कि राज्य शासन के अवर सचिव चिकित्सा शिक्षा को डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ने इस बारे में पत्र भेज दिया है। हाई कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता चिकित्सक को पीजी कोर्स के लिए अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिया है।

 

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