Chhattisgarh News: CG रेप के बाद झेला 11 हजार वोल्ट का झटका: 70 दिनों तक लड़ती रही मौत से, डॉक्टरों ने दिया नया जीवन

Chhattisgarh News: रायपुर के एक निजी अस्पताल में 70 दिन तक चला उपचार। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से युवती के उपचार के लिए किया गया रु 22 लाख राशि स्वीकृत। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल कि संवेदनशील पहल के चलते हुई राशि स्वीकृत

Update: 2024-05-03 10:49 GMT

Shahdol Gang Rape 

Chhattisgarh News: रायपुर। 70 दिन के लंबे उपचार के बाद अंततः बालात्कार पीड़िता युवती अब पूर्णतः स्वस्थ हो चुकी है, उसका हिमोग्लोबिन 10 के ऊपर जा चुका है, जो कि अस्पताल में भर्ती करते समय 2 हो गया था। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने इस मामले में गंभीर पहल करते हुए व्यक्तिगत रूची ली और उपचार के लिए योजना से रू 22 लाख राशि की स्वीकृति दिलाई।

रायपुर के एक निजी अस्पताल में 70 दिन पूर्व बालात्कार पीड़िता युवती को अत्यन्त गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने युवती के उपचार के लिए व्यक्तिगत स्तर पर ध्यान दिया और भर्ती होने से अब तक लगातार पूरी जानकारी लेते रहे। निजी अस्पताल के संचालक डाॅ. सुनील कालड़ा ने भी बालात्कार पीड़िता युवती के उपचार में अपनी पूरी ताकत लगा दी, जिसका परिणाम यह है कि अब 3 मई 2024 को युवती अब अस्पताल से छुट्टी लेकर अपने घर रवाना हो जायेगी।

यह है पूरा मामला

20 अक्टूबर 2023 को एक दिल दहला देने वाली घटना ग्राम गनपतपुर के ठिहाईपारा जंगल में हुई। युवती के प्रेमी ने ही उसके साथ धोखा किया और जंगल बुलाकर युवती के साथ बलात्कार किया। इस दौरान हुई झूमा-झटकी में युवती 11 हजार वोल्ट के करंट के तार की चपेट में आ गई और गंभीर रूप से झुलस गई। उसे इसी हालत में छोडकर दोनो आरोपी युवक फरार हो गये। कुछ समय बाद जंगल में कुछ लोगों ने युवती को अचेत अवस्था में देखा और घटना की सूचना पुलिस को दी गई, साथ ही युवती को बैकुंठपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज कर आरोपी निलेश कुमार (कथित प्रेमी) एवं उसका साथी बेचन साय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

जिला अस्पताल से 20 दिनों बाद परीजनों ने करा ली छुट्टी

गंभीर हालत में जिला अस्पताल बैकुंठपुर में भर्ती बलात्कार पीड़िता युवती के परिजनों ने खुद ही उसकी छुट्टी करा उसे घर ले गये। घर में उसकी सही देखभाल न हो पाने के कारण वह सेप्टीसिमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गयी। युवती की हालत दिन ब दिन बिगड़ती चली गई।

22 फरवरी 2024 को रायपुर के एक निजी अस्पताल में हुई थी भर्ती

गंभीर हालत में घर में पड़ी युवती को उपचार के लिये रायपुर के किसी अच्छे अस्पताल में पहुंचाने के लिये आई.ओ.सी.एल. के एक स्थानीय अधिकारी ने पहल की। स्थानीय जिला प्रशासन की सक्रियता के बाद गंभीर हालत में युवती को रायपुर लाया गया। इस दौरान युवती आक्सीजन पर थी। उसके पूरे शरीर में संक्रमण फैल चुका था। उसके बचने की आस समाप्त हो गई थी। 22 फरवरी 2024 को कई घंटों के अथक प्रयासों के बाद भी युवती किसी भी शासकीय अस्पताल में भर्ती नही हो पाई। इसके बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुये पचपेढ़ी नाका के आगे एक निजी बर्न युनिट में भर्ती करा दिया गया था।

स्वास्थ्य मंत्री की पहल और मिली अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक उपचार सहायता

स्वास्थ्यमंत्री जायसवाल ने घटनाक्रम की जानकारी होते ही त्वरित कार्यवाही करते हुये मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के माध्यम से 2 किश्त में लगभग रू 22 लाख राशि उपचार के लिये स्वीकृत कराई। राज्य में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लागू होने के बाद से संभवतः अब तक की किसी मरीज को मिली सबसे बड़ी उपचार आर्थिक सहायता है।

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