Chhattisgarh News: CG कैशलेस चिकित्सा योजना: फेडरेशन ने राज्‍य सरकार को फिर से भेजा प्रस्‍ताव

Chhattisgarh News:

Update: 2024-07-23 12:49 GMT
Chhattisgarh News: CG कैशलेस चिकित्सा योजना: फेडरेशन ने राज्‍य सरकार को फिर से भेजा प्रस्‍ताव
  • whatsapp icon

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारियों एवं उनके परिवार के लिए कैशलेस चिकित्सा योजना को लागू करने संबंधी प्रस्तावित योजना को पुनः मुख्यमंत्री एवं मुख्यमंत्री को स्मरण-पत्र दिया है। गौरतलब है कि फेडरेशन विगत 5 वर्षों से राज्य शासन से पत्राचार कर रहा है।

फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा एवं सचिव राजेश चटर्जी ने बताया कि कर्मचारियों तथा उनके परिवार के लिए कैशलेस योजना को मुख्यमंत्री संजीवनी योजना के नाम से प्रस्तावित किया गया है।जोकि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बहुत बड़ा कल्याणकारी योजना होगा।योजना को लागू करने से राज्य शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भर नहीं पड़ेगा लेकिन फर्जी मेडिकल देयकों के भुगतान एवं भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगा। साथ ही,आर्थिक बचत भी होगा। उन्होंने बताया कि इलाज हेतु refer (रेफेर) करने के जटिल प्रक्रिया तथा मेडिकल देयकों के कार्योत्तर स्वीकृति में भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगा। फेडरेशन के कहना है कि यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार का अपने कर्मचारी-अधिकारियों के लिए संवेदनशील होने का परिचायक होगा।

प्रस्तावित कैशलेस योजना के बारे में कमल वर्मा एवं राजेश चटर्जी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का राज्य के भीतर एवं बाहर मान्यता/अधिकृत चिकित्सालय में इलाज होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार, प्रत्येक शासकीय सेवक के कार्मिक संपदा के अनुसार संजीवनी कार्ड जारी करेगा। जिसमे कर्मचारी-अधिकारी एवं परिवार का पूर्ण विवरण रहेगा।गंभीर बीमारी अथवा दुर्घटना के स्थिति राज्य शासन द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सालय में बिना राशि जमा किये इलाज प्रारंभ हो जायेगा। जिसका प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा ऑनलाइन (on-line) भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इलाज की पुष्टि Third Party Administrator द्वारा संभव है।

उन्होंने बताया कि राज्य शासन को अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने एवं सुपर स्पेशियलिटी /मुख्य चिकित्सालयों में इलाज हेतु छत्तीसगढ़ चिकित्सा नियमों में परिवर्तन कर विभागीय अनुमति एवं refer की प्रक्रिया को समाप्त करना होगा जिसका प्रक्रिया अत्यधिक जटिल है। उन्होंने बताया कि 8 जून 1973 भाग 4 (ग) पृष्ठ 279 से 533 तक मध्यप्रदेश राज्य पत्र में वर्णित चिकित्सा सुविधा नियम में परिवर्तन करना होगा। इससे राज्य शासन का अपने कर्मचारी/अधिकारी के प्रति संवेदनशीलता परिलक्षित होगी।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक कर्मचारी/अधिकारी को मुख्यमंत्री संजीवनी कार्ड जिला कलेक्टर के हस्ताक्षर से जारी होगा।जोकि उक्त कर्मचारी का पहचान पत्र भी होगा। चिकित्सालयों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेस चिकित्सा परिचर्चा नियम 1958 अथवा पश्चात के नियम के अंतर्गत निर्धारित प्रतिपूर्ति व्यय सिमा अनुसार ही राज्य शासन भुगतान करेगा। जितना कि मेडिकल बिल पारित होता है। शासकीय कर्मचारी/अधिकारी को विपत्ति के समय आर्थिक संकट से उबारने के दृष्टिगत इस योजना को कर्मचारी हित में लागू किया जाना चाहिये।

Tags:    

Similar News