Chhattisgarh News: 10 महीने में 254 नक्सली ढेर: नक्सलियों की स्वीकारोक्ति- हटना पड़ा है पीछे
Chhattisgarh News: पुलिस के आक्रामक रुख के कारण नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा है। प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स का दबदबा बढ़ा है। यह बात नक्सलियों ने अपने एक बयान में स्वीकार किया है।
Chhattisgarh News: रायपुर। देश में बीते 10 महीने में 254 नक्सली पुलिस और सुरक्षा बल की गोलियों के शिकार हुए हैं। इस स्वीकरोक्ति नक्सलियों के गोरिल्ला आर्मी यानी पीएलजीए की है। पीएलजीए के स्थापना दिवस के मौके पर संगठन की तरफ से एक लिखित बयान जारी किया गया है। इसमें देशभर में 254 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकार की गई है। मारे गए नक्सलियों में 109 पुरुष कामरेड और 81 महिला कामरेड हैं। नक्सलियों ने पुलिस की कार्रवई में 64 आम ग्रामीणों के भी मारे जाने का आरोप लगाया है। मारे गए नक्सलियों में बिहार-झारखंड के 8, ओड़िशा के 7, एमएमसी के दो, तेलंगाना के 11 और दंडकारणय के 226 शामिल हैं।
इस बयान में नक्सलियों की तरफ से कए बड़ी बात कही गई है। नक्सलियों ने माना है कि बीते एक वर्ष के दौरान पुलिस- फोर्स हावी है। इसकी वजह से नक्सल संगठन कमजोर पड़ा है और उन्हें पीछे हटना पड़ा है। नक्सलियों की तरफ से होने वाले हमलों में भी कमी की बता स्वीकार की गई है। नक्सलियों के अनुसार बीते एक वर्ष में देशभर में पुलिस और सुरक्षा बलों कपर नक्सलियों की तरफ से 100 हमले किए गए हैं।
बयान में छत्तीसगढ़ सरकार के नीयद नेल्ला नार का भी जिक्र
नक्सलियों ने छत्तीगसढ़ सरकार के नीयद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) का भी जिक्र किया है। लिखा है कि नीयद नेल्ला नार नामक योजना शुरू की। राज्य में भाजपा सत्ता में आने के बाद दिसंबर से फरवरी तक बस्तर इलाके में 14 नए फार्वर्ड ऑपरेशनल बेस कैंप लगाए गए। एक-एक कैंप के 5 कि.मी. के दायरे में होने वाले गांवों को इस योजना में शामिल किया गया। इसके अलावा आगामी दिनों में लगाए जाने वाले नए कैंपों के 5 कि.मी. के दायरे में होने वाले गांवों में भी इस योजना को लागू किया जाता है। इस योजना के तहत केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा 25 बुनियादी सुविधाओं की योजनाओं एवं व्यक्तिगत लब्धि पहुंचाने वाली 32 योजनाओं को अमल करने की घोषणा की गई। नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि यह जनता की उत्पादक क्षमता बढ़ाने वाली योजनाएं नहीं हैं, उल्टे उन्हें लब्धिदारों के रूप में तब्दील कर, सरकार की दया-कटाक्ष पर निभर होने वाले बेकारी बनायी जाती है।