छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश से जलमग्न हुए शहर, गांव और सड़क...रायपुर, रायगढ़, महासमुंद सहित 7 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट... आज भी झमाझम बारिश
रायपुर। प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से मानसून की बारिश जारी है। गुरुवार की शाम से हुई बारिश से कई गांव, शहर और सड़के जलमग्न हो गए है। राजधानी में भी सेजबहार, धनेली, तेलीबांधा, गोलबाजार, घड़ी चौक, पंडरी, कचना रोड, विधानसभा रोड, पुरानी बस्ती सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए है। स्वर्ण भूमि, सेजबहार, धनेली के गांव, स्कूल, दुकान और खेतों में लबालब पानी है। गुरुवार के शाम से रात तक हुई मूसलाधार बारिश के चलते लोग पानी के बीच फंसे थे जिन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर लेजाया गया। ऐसा ही हाल राजनांदगांव, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर का रहा है। बारिश से इन जिलों में जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। रायपुर मौसम विभाग की माने तो ऐसा ही हाल अगले 24 घंटो के दौरान फिर से छत्तीसगढ़ में रहने वाला है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, रायपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया।
वहीं, सरगुजा, कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा,दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर में येलो अलर्ट जारी करते हुए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
16 अगस्त के लिए राजनांदगांव, दुर्ग, कांकेर, बालोद के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
जाने मौसम विभाग ने क्या कहा
मौसम विभाग ने कहा कि एक निम्न दाब का क्षेत्र उतर ओडीशा तथा इससे लगे क्षेत्र के ऊपर स्थित है तथा इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। अगले 24 घंटे में इसके छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी मध्य प्रदेश से होकर गुजरने की संभावना है। मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर बीकानेर, शिवपुरी सीधी, जमशेदपुर और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर निम्न दाब के केंद्र तक स्थित है।
एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और उससे लगे उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश के ऊपर किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक द्रोणीका उत्तर पूर्व राजस्थान से उत्तर ओडीशा के ऊपर स्थित निम्न दाब के क्षेत्र तक उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश तथा झारखंड होते हुए 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
छत्तीसगढ़ में बारिश के आंकडे
राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2023 से अब तक राज्य में 890.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2023 से आज 14 सितंबर सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1537.8 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 397.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 718.8 मिमी, बलरामपुर में 811.7 मिमी, जशपुर में 714.0 मिमी, कोरिया में 833.5 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 829.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 979.4 मिमी, बलौदाबाजार में 899.6 मिमी, गरियाबंद में 790.5 मिमी, महासमुंद में 903.9 मिमी, धमतरी में 852.6 मिमी, बिलासपुर में 973.2 मिमी, मुंगेली में 1097.5 मिमी, रायगढ़ में 1012.7 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 801.2 मिमी, जांजगीर-चांपा में 810.4 मिमी, सक्ती में 795.1 मिमी, कोरबा में 875.6 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 930.5 मिमी, दुर्ग में 749.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 713.3 मिमी, राजनांदगांव में 967.5 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1134.6 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 905.8 मिमी, बालोद में 869.6 मिमी, बेमेतरा में 711.3 मिमी, बस्तर में 944.7 मिमी, कोण्डागांव में 963.7 मिमी, कांकेर में 878.2 मिमी, नारायणपुर में 858.4 मिमी, दंतेवाड़ा में 967.8 मिमी और सुकमा में 1286.9 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।
कलर से समझे चेतावनी
यलो अलर्ट-सचेत रहें। मौसम के अनुसार इस अलर्ट या चेतावनी का मतलब होता है कि आप अपने इलाके या रूटीन को लेकर सचेत रहें। कुछ सावधानियां बरतें। यलो अलर्ट जारी करने का मकसद वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है। इसके मुताबिक आपको तुरंत कोई खतरा नहीं होता, लेकिन मौसम के हाल को देखते हुए आपको जगह और अपने मूवमेंट को लेकर सावधान रहना चाहिए।
ऑरेंज अलर्ट-तैयार रहेंमौसम विभाग जब ऑरेंज अलर्ट जारी करता है, तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है कि अब आप और खराब मौसम के लिए तैयार हो जाएं। जब मौसम इस तरह की करवट लेता है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है, तब ये अलर्ट जारी किया जाता है। खराब मौसम के लिए आपको अपनी यात्राओं, कामकाज या स्कूली बच्चों के लिए आवागमन के बारे में तैयारी रखने की ज़रूरत होती है।
रेड अलर्ट-एक्शन का वक्तहालांकि बेहद गंभीर स्थितियों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है, इसलिए यह कम ही होता है। फिर भी, रेड अलर्ट का मतलब होता है कि जान माल की सुरक्षा का समय आ चुका है। अक्सर इस अलर्ट के बाद खतरे के ज़ोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है। मौसम के मुताबिक सुरक्षा के इंतज़ाम किए जाते हैं, जैसे गर्मी के मौसम में अगर रेड अलर्ट जारी हो तो आपको घर से बाहर नहीं निकलने और ज़रूरी इंतज़ाम करने की हिदायत होती है। इसी तरह, बारिश के मौसम में अगर ये अलर्ट जारी हो तो इसका साफ संकेत होता है बाढ़, तूफान या नुकसानदेह बारिश की चेतावनी है इसलिए ज़रूरी इंतज़ाम करें।रेड अलर्ट के समय सामान्य जनजीवन के लिए खतरे को भांपते हुए अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल संचालन जैसे नियमित कामकाज बंद किए जा सकते हैं।