CG_News नियमितीकरण व पेंशन सहित अन्‍य मांगों को लेकर ACS साहू से मिले संयुक्‍त मोर्चा के नेता, डीए, एचआरए और वेतन वृध्दि के आदेश दी यह प्रतिक्रिया

मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार सरकार ने बुधवार को राज्‍य के कर्मचारियों का डीए और एचआरए बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही अनियमित कर्मचारियों की वेतन वृध्दि का आदेश भी जारी हो गया है।

Update: 2023-08-03 13:20 GMT

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी पांच मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान किया था। 7 जुलाई को प्रदेशव्‍यापी हड़ताल हुआ। इसके बाद 1 अगस्‍त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी थी। इस बीच पांच में से तीन मांगों को स्‍वीकार कर लिया। इनमें डीए और एचआर में वृध्दि शामिल है। सरकार ने अनियमित कर्मचारियों का भी वेतन बढ़ा दिया। जुलाई में विधानसभा में मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा की थी। सरकार ने अब इसका आदेश भी जारी कर दिया है। इसको लेकर कर्मचारियों ने पूरे राज्‍य में जश्‍न मनाया।

इधर, लंबित मांगों को लेकर संयुक्‍त मोर्चा के पदाधिकारियों ने अपर मुख्य सचिव (एसीएस) सुब्रत साहू से मुलाकात की। कर्मचारी नेताओं के अनुसार एसीएस ने सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए सार्थक पहल करने अश्वासन दिया। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ अनिल शुक्ला, छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि प्रदेश के 145 कर्मचारी संगठनों ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का फैसला किया था। हमारी मांगों में केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान अनुसार गृहभाड़ा भत्ता, पिंगुआ कमेटी का रिपोर्ट सार्वजनिक करना शामिल था। इसके साथ ही हमने अनियमित/दैनिक वेतनभोगी/संविदा/कार्यभारित/अन्य कर्मचारियों का नियमितीकरण, पेंशन के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवाकाल की गणना की मांग की थी।

इस पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अनुपूरक बजट के दौरान 19 जुलाई को कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएं की। संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों ने विधानसभा में 20 जुलाई को मुख्यमंत्री से भेंटकर कर्मचारी हित में मुख्यमंत्री की घोषणा और अन्य मुद्दों के समाधान के लिए त्वरित प्रशासकीय कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री के अश्वासन पर विश्वास करते हुए आपात बैठक उपरांत 1 अगस्त से घोषित अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित रखने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया। साथ ही बैठक में मोर्चा के शीर्ष पदाधिकारियों को मंत्रालय स्तर पर अन्य मुद्दों के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदारी दी गई।

संयुक्त मोर्चा ने विज्ञप्ति में आगे बताया कि मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद वित्त विभाग ने जैसे ही आदेश जारी किया, प्रदेशभर के कर्मचारियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाते हुए झूम उठे। प्रदेशभर के कर्मचारियों ने सोशल मीडिया में सीएम को बधाई देते हुए अपने ढंग से अलग अलग संदेश दे रहे थे। मंत्रालय, संचालनालय, कलेक्टर एवम् अन्य कार्यालयों में भूपेश है तो भरोसा है के नारे भी लगते रहे।

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संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ 2 अगस्त को मंत्रालय में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू से शेष मांगों, जिसमे पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, चार स्तरीय वेतनमान, प्रथम नियुक्ति से पुरानी पेंशन के लिए सेवा गणना और स्टाइपेंड प्रणाली बंद करने के लिए मुख्यमंत्री से हुई चर्चा अनुसार विस्तार से अपना पक्ष रखते हुए ज्ञापन सौंपा। इन मांगों के अतिरिक्त 30 जून व 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को एक वेतन वृद्धि देने, अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 के बजाय 300 दिन करने, एरियर्स भुगतान से रोक हटाने, पेंशनरों को केंद्र के समान डीए देने जैसे मुद्दे आर्थिक पहलू पर कर्मचारियों का पक्ष रखते हुए शीघ्र समाधान करने की मांग की गई। अपर मुख्य सचिव ने सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए सार्थक पहल करने अश्वासन दिया।

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