CG राखड़ हादसा: फैक्ट्रियों की लापरवाही से मां-बेटे समेत 3 की गई जान, राखड़ का नहीं किया समुचित इंतजाम
रायपुर। राजधानी के सिलतरा में फैक्ट्रियों की बड़ी लापरवाही ने तीन ग्रामीणों की जान ले ली। मृतकों में मां-बेटे शामिल भी शामिल हैं। एक ही घर से दो लोगों की मौत के बाद सिलतरा इलाके में कोहराम मच गया। इस हादसे में तीन लोगों की मौतें हुईं।
पता चला है, फैक्ट्रियों से निकले राखड़ (मलबे) को ट्रक में लोड कर फैक्ट्री के बाहर खाली मैदान में ही डंप किया जा रहा था। आसपास के लोग राखड़ की खुदाई करके घर में आग जलाने के लिए ले जाते थे। रोज इस जगह पर ग्रामीणों की भीड़ जुटती थी। चुकी लोगों को पता था कि राखड़ खुदाई से 7 से आठ फीट गड्ढा हो चुका है और मलबा कभी भी खुदाई करने वालों के ऊपर गिर सकता है। सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं किए गए।
जानकारी के मुताबिक, सिलतरा में मलबे से ग्रामीण राखड़ निकालने के लिए रोज इकट्ठा होते थे। आज भी करीब पांच ग्रामीण राखड़ निकाल रहे थे। खुदाई के दौरान मलबा उनके ऊपर ढह गया। इस हादसे में दो महिला और एक पुरुष की मौत हो गई। वहीं एक 14 वर्षीया नाबालिग लड़की घायल है जिसका उपचार जारी है।
मृतकों में मोहर बाई 50 वर्ष, पुनीत कुमार मनहरे 22 वर्ष और पांचों गहरे 32 वर्ष शामिल हैं।
राखड़ से बनते थे आग जलाने के लिए गोले
सिलतरा क्षेत्र के गरीब ग्रामीण यहां से रोज राखड़ इकट्ठा कर घर ले जाते थे और उन राखड़ से जलाने के लिए गोले बनाते थे। इन गोले से वो आग जलाकर खाना बनाते थे।
सीएम ने जताया दुःख
वहीँ मुख्यमंत्री ने सिलतरा इलाके में राखड़ खुदाई के दौरान तीन लोगों की मृत्यु पर दुःख प्रकट किया है। उन्होंने हादसे में घायलों को त्वरित और बेहतर उपचार के साथ ही अन्य जरूरी मदद उपलब्ध कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राखड़ खुदाई के समय मलबे में 5 लोग दब गए थे, जिसमें 3 की मृत्यु हो गई है और 2 लोग घायल हैं जिनका उपचार जारी है।