CG News: रेत माफियाओं की दबंगई पर हाईकोर्ट सख्त, चीफ सिकरेट्री और माइनिंग सचिव से मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं की दबंगाई को लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने डीजीपी से कहा था कि इस तरह की घटनाओं का दोहराव नहीं होना चाहिए। डीजीपी को कड़े निर्देश के बाद भी माफियाओं का हौसला बुलंद है। नाराज हाई कोर्ट ने चीफ सिकरेट्री व माइनिंग सिरकेट्री को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
Bilaspur High Court
बिलासपुर। रेत माफियाओं की दबंगाई के अलावा पुलिस व जिला प्रशासन लाचार नजर आ रहा है। बलरामपुर में माफिया के लोगों ने कांस्टेबल को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला था। गरियाबंद में माफिया फायरिंग कर लोगों को डरा रहे हैं। माफियाओं का दबंगाई प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। अब यह मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रुप में सुनवाई प्रारंभ की है। हाई कोर्ट ने चीफ सिकरेट्री व माइनिंग सिकरेट्री को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान नाराज कोर्ट ने कहा कि स्टेट अफेयर्स की हालत चिंताजनक है। माफिया पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है। कोर्ट ने दोटूक कहा कि इस तरह के गंभीर घटनाओं पर सख्ती से रोक लगानी होगी। कानून में निहित प्रावधानों का उपयोग कर कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटना होगा। डिवीजन बेंच ने राज्य शासन से कहा कि इस तरह की घटनाओं का भविष्य में दोहराव नहीं होना चाहिए। इसके लिए सख्ती से कदम उठाए जाए। पीआईएल की सुनवाई के दौरान डीजीपी ने जवाब पेश किया। डीजीपी ने जवाब पेश करते हुए बताया कि बलरामपुर की घटना में शामिल 9 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। आरोपियों के खिलाफ
बीएनएस की धारा 103, 109, 121, 132, 221, 61, 303, 238, 249 और भारतीय वन अधिनियम सहित खान एवं खनिज अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। डीजीपी ने कोर्ट को बताया कि आरक्षक की मौत के बाद सनावल थानेदार को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
उत्तर छत्तीसगढ़ के कनहर नदी में माफियाओं का दबदबा-
11 मई की रात करीब 11 बजे सनावल पुलिस की टीम कनहर नदी से अवैध रेत खनन रोकने लिबरा गांव पहुंची थी। इस दौरान भाग रहे एक ट्रैक्टर को आरक्षक शिव बचन सिंह ने रोकने की कोशिश की। ट्रैक्टर ड्राइवर ने गाड़ी रोकने की जगह आरक्षक को ही कुचल कर मार डाला और मौके से फरार हो गया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट की अवकाशकालीन कोर्ट ने डीजीपी,माइनिंग सिकरेट्री और वन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।