CG News: 27 कर्मचारी होंगे बर्खास्त, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर मजे से कर रहे नौकरी, देखें आदेश

CG News: CG: बड़ी खबर: बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के सहारे सरकारी नौकरी दिलाने वाला गिरोह लंबे समय से सक्रिय है। इसी गिरोह का कमाल है कि फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के सहारे 27 लोगों को अलग-अलग विभागों में सरकारी नौकरी दिला दी है। मुंगेली जिले के एडिशनल कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर उनके विभाग मेंं दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी रहे रहे कर्मचारियों की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने कहा है।

Update: 2025-07-13 07:48 GMT

Bilaspur News:  बिलासपुर। फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सहारे छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में 27 ऐसे लोगों को खुलासा हुआ है जो बहरेपन का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल कर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में मजे से नौकरी कर रहे हैं। सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के भरोसे व्याख्याता बन बैठे हैं। एडिशनल कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, सिम्स CIMS और संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर से मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

एडिशनल कलेक्टर ने आधा दर्जन विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर सिम्स और डा भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर से इन कर्मचारियों द्वारा पेश किए श्रवण बाधित मेडिकल रिपोर्ट की पुष्टि व जांच कराने का निर्देश दिया है। मुंगेली जिले में विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे 27 लोग ऐसे हैं दिव्यांगता प्रमाण के जरिए नौकरी कर रहे हैं। इन सभी लोगों ने श्रवण बाधित दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनवाया है। इसी कोटे से नौकरी कर रहे हैं।

0 हाई कोर्ट में दायर कर दी याचिका

एडिशनल कलेक्टर ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र भी किया है कि कुछ सरकारी कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है। जाहिर है न्यायालयीन फैसले तक इन कर्मचारियों के खिलाफ कड़ाई नहीं बरती जाएगी।

0 सबके सब श्रवण बाधित,याने बहरे हैं

दिव्यांगता मेडिकल सर्टिफिकेट में एक बात की समानत है, ये सभी 27 कर्मचारी बहरे हैं। यानी सभी ने श्रवण बाधित मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल किया है।

0 27 में 9 राजपूत हैं बहरे

फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट हासिल करने वाले 27 में 9 लोग राजपूत हैं। यह भी अजीबो-गरीब संयोग हैं। एक जिले में एक ही जाति के इतने लोग बहरेपन के शिकार हैं। एडिशनल कलेक्टर द्वारा जारी सूची पर गौर करने से एक और बात अजीब लगी, सबसे ज्यादा 11 लोग शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं। 10 श्रवण बाधित लेक्चरर हैं और एक सहायक शिक्षक। 10 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भी हैं।

0 एडिशनल कलेक्टर ने श्रवण बाधितों की मेडिकल टेस्ट के लिए इन अधिकारियों को लिखा पत्र

. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत

. जिला शिक्षा अधिकारी

. उप संचालक, कृषि

. सहायक संचालक, उद्यान

. श्रमपदाधिकारी

. जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी


0 सबके सब श्रवण बाधित,याने बहरे हैं

दिव्यांगता मेडिकल सर्टिफिकेट में एक बात जो अचरज करता है वह है, ये सभी 27 कर्मचारी बहरे हैं। यानी सभी ने श्रवण बाधित मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल किया है। इससे साफ हो रहा है कि जिले में ऐसा गिरोह लंबे समय से सक्रिय है जो सिम्स से फर्जी दिव्यांगता वह भी श्रवण बाधित सर्टिफिकट बनवा रहा है।

0 27 में 9 राजपूत हैं बहरे

फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट हासिल करने वाले 27 में 9 लोग राजपूत हैं। यह भी अजीबो-गरीब संयोग हैं। एक जिले में एक ही जाति के इतने लोग बहरेपन के शिकार हैं। कलेक्टर द्वारा जारी सूची पर गौर करने से एक और बात अजीब लगी, सबसे ज्यादा 11 लोग शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं। 10 श्रवण बाधित लेक्चरर हैं और एक सहायक शिक्षक। 10 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भी हैं।

0 कलेक्टर ने बर्खास्तगी के लिए इनको लिखा पत्र

. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत

. जिला शिक्षा अधिकारी

. उप संचालक, कृषि

. सहायक संचालक, उद्यान

. श्रमपदाधिकारी

. जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी

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