CG Liquor Scam: टुटेजा की बढ़ी रिमांड: अभी जेल में ही रहेंगे शराब घोटाला में गिरफ्तार पूर्व आईएएस, ईडी ने कोर्ट को गिरफ्तारी का आधार...

CG Liquor Scam: शराब घोटाला में गिरफ्तार पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को आज कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद टुटेजा की रिमांड बढ़ा दी है। वहीं, ईडी ने आज कोर्ट को पूर्व आईएएस की गिरफ्तारी का आधार बताया है।

Update: 2024-05-20 13:23 GMT

CG Liquor Scam: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए कथित शराब घोटाला में जेल में बंद पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की रिमांड पूरी होने पर आज कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने टुटेजा की रिमांड 14 दिन बढ़ा दी। अब 3 जून को उन्‍हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। शराब घोटाला की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट टुटेजा को गिरफ्तार किए जाने का आधार भी बताया है।

ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश किए गए दस्‍तावेजों में टुटेजा को शराब घोटाला का मुख्‍य आरोपी बताया गया है। ईडी के अनुसार शराब घोटाला का सिंडिकेट अनवर ढेबर ने बनाया था। यह पूरा सिंडिकेट टुटेजा के इशारे पर काम करता था। बता दें कि इस मामले में टुटेजा के साथ ढेबर और आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणति त्रिपाठी भी गिरफ्तार हो चुके हैं। दोनों अभी जेल में हैं।

जानिये क्‍या है पूरा मामला

ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्‍ल्‍यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस व अन्‍य सरकारी अफसर और लोग सहयोगी की भूमिका में थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्‍सा इन्‍हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के संयुक्‍त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्‍तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं, ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्‍लानिंग की थी।

एफआईआर के अनुसार अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से प्राप्‍त रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया। वहीं, त्रिपाठी ने अपनी पत्‍नी अपनी पत्‍नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। वहीं, ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म में पैसे का निवेश किया।

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