CG Liquor Scam: शराब घोटाला: PMLA मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में अनवर को सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त जमानत, सात दिनों के भीतर स्पेशल कोर्ट में करना होगा पेश, अब ED पर लगी नजर...
CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर पर मनी लांड्रिंग के अलावा छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये क शराब घोटाले का आरोप है। PMLA में तय प्रावधान के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा तब तक समाप्त नहीं हो सकता, जब तक कि पूर्ववर्ती अपराध मुकदमा समाप्त नहीं हो जाता। यही कारण है कि अनवर ढेबर को मनी लांड्रिग मामले में सुप्रीम काेर्ट से जमानत मिलने के बाद भी उसकी रिहाई नहीं होगी। शराब घोटाला और ईओडब्ल्यू की चार्ज शीट के तहत जेल में ही रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अब नजरें ED की ओर लग गई है।
CG Liquor Scam: रायपुर। मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद अनवर ढेबर की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने जेल में बंद अनवर ढेबर को सशर्त जमानत देते हुए ED काे निर्देशित किया है कि एक सप्ताह के भीतर मनी लांड्रिंग मामले के आरोपी अनवर ढेबर को स्पेशल कोर्ट के समक्ष पेश करे। स्पेशल कोर्ट में जमानत को लेकर सुनवाई होगी और तय शर्तों के आधार पर आदेश जारी करेगा। जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी शर्तें लागू कर दी है। ढेबर को अपना पासपोर्ट, यदि कोई हो तो, जमा करना होगा। इसके अलावा नियमित रूप से और समय पर स्पेशल कोर्ट में उपस्थित होना होगा। मुकदमे के शीघ्र समापन के लिए उसे स्पेशल कोर्ट के साथ सहयोग करना भी जरुरी है।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की डिवीजन बेंच ने कहा कि अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा सात साल है और निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की कोई संभावना नहीं है। एक मामले का हवाला देते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा होने का हकदार है।
सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अनवर ढेबर शराब सिंडिकेट का सरगना है और उसका काफी प्रभाव और राजनीतिक संबंध है। ईडी के विरोध को सुनने के बाद कोर्ट ने सवाल किया कि बिना सुनवाई के वह कब तक हिरासत में रहेगा। कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा तब तक समाप्त नहीं हो सकता, जब तक कि पूर्ववर्ती अपराध मुकदमा समाप्त नहीं हो जाता।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अनवर ढेबर को पहले भी इसी मुद्दे पर एक पूर्व ECIR के संबंध में 80 दिनों की हिरासत में रखा गया, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। वर्तमान ECIR और शिकायत में याचिकाकर्ता को 8 अगस्त, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। तब से ED ने मूल शिकायत के अलावा तीन पूरक शिकायतें दर्ज की हैं।
मनी लांड्रिंग मामले में 40 गवाह, पुलिस ने बनाए 450
कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक 40 गवाहों का हवाला दिया गया और जांच अभी भी जारी है। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा जनवरी 2024 में दर्ज किए गए पूर्ववर्ती अपराध में, 450 गवाहों का हवाला दिया गया। जांच भी जारी है और अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया। कोर्ट ने कहा कि निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की संभावना नहीं है। अब तक मूल शिकायत के अतिरिक्त 03 पूरक शिकायतें दर्ज की गईं। 40 गवाहों का हवाला दिया गया। अभी भी जांच जारी है। पूर्ववर्ती अपराध में 450 गवाह हैं और जांच जारी है। संज्ञान नहीं लिया गया।
फैक्ट फाइल
8 अप्रैल, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अन्य के खिलाफ ED द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ED ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा जनवरी, 2024 में दर्ज की गई FIR के आधार पर एक नया मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया। ढेबर को इस दूसरे मामले में 2004 में गिरफ्तार किया गया था।
जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने सह-आरोपी और पूर्व लोक सेवक अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी को इस आधार पर जमानत दी थी कि शिकायत पर संज्ञान लेने वाले ट्रायल कोर्ट का आदेश हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
जेल में ही रहना होगा
मनी लांड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी ढेबर की मुश्किलें कम नहीं हुई है। जमानत के बाद भी उसे जेल में ही रहना होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ईडी पांच दिनों के भीतर ढेबर को स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी और पूर्व के मामलों को हवाला देते हुए वापस जेल भेज देगी।