cement price: 15 दिन में 65 रुपये बढ़ी सीमेंट की कीमतें, भाजपा ने बताया भाव का इलेक्‍शन से कनेक्‍शन

Cement Price in Chhattisgarh

Update: 2023-09-09 15:31 GMT

cement price रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में सीमेंट की कीमतें 15 दिन 65 रुपये तक बढ़ गई है। 1 सितंबर से पहले सीमेंट 285 से लेकर 305 रुपये प्रति बोरा बिक रहा था, अब वह 360 से 370 रुपये तक बिक रहा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में सीमेंट में प्रति बोरी व रेत में प्रति ट्रक सिडीकेट बनाकर राज्‍य सरकार के नाम पर 200 करोड़ से अधिक की लेव्ही की अवैध वसूली के चलते कीमत में भारी आग लगी हुई है।

भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिन में सिंडिकेट बनाकर सीमेंट की कीमत में जहां 65 से 80 रुपए की वृद्धि हुई है। वहीं माइनिंग व पुलिस के माध्यम से रेत की कीमत में 4 हजार रुपए से लेकर 6 हजार प्रति ट्रक वृद्धि हुई है। कांग्रेस सरकार के नाम पर पूरे प्रदेश में सीमेंट और रेत में जनता से अवैध वसूली की जा रही है।

अग्रवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में 10 से अधिक बड़े सीमेंट प्लांट है। पर सीमेंट की कीमत कम होने के बजाय सरकार के संरक्षण में सिंडिकेट बनाकर सीमेंट के कीमत में भारी वृद्धि हुई है। प्रदेश में प्रति माह लगभग 28 लाख टन सीमेंट का उत्पादन हो रहा है जिसमें लगभग 8 लाख टन सीमेंट छत्तीसगढ़ में उपयोग हो रहा है। छत्तीसगढ़ में सीमेंट की कीमत पिछले 15 दिन में ही 65 रुपया से अधिक बढ़ी है। वहीं छत्तीसगढ़ से जाने वाले सीमेंट आसपास के राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ से बहुत कम कीमतों पर वहां सीमेंट बिक रही है। आखिर छत्तीसगढ़ में जनता को लूट कौन रहा है ?

अग्रवाल ने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब सीमेंट का दर (प्रोजेक्ट का) 180 रुपया प्रति बोरी थी, वह आज बढ़कर 315 रुपए प्रति बोरी हो गया है। वहीं बाजार में आम उपभोक्ता को बिकने वाला सीमेंट 220 रुपए प्रति बोरी था वह अब 360 से 370 रुपए प्रति बोरी तक बिक रहा है। अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 6 से 10 हजार प्रति ट्रक तक बिकने वाला रेत आज 13 से 16 हजार रुपए प्रति ट्रक बिक रहा है। आखिर रेत के कीमतों में इतनी वृद्धि किस लिए, और किसके लिए ?

अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में एनजीटी के निर्देश पर बरसात के कारण रेत के सारे खदान बंद है। उसके बाद भी राज्‍य सरकार के संरक्षण में कांग्रेस के नेताओं द्वारा बरसात में नदियों के अस्तित्व को समाप्त करते हुए भारी मात्रा में रेत निकाला जा रहा है। आप प्रदेश के किसी भी हाईवे में खड़े हो जाइए आपको सैकड़ो हाइवा रेत परिवहन करते हुए दिख जाएगा। आखिर रेत कहां से आ रहा है? किसके संरक्षण में रेत का अवैध परिवहन हो रहा है? अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अन्य प्रदेशों से सटे हुए जिलो में कम दर पर सीमेंट आ रही है। और छत्तीसगढ़ में बनने वाला सीमेंट छत्तीसगढ़ की जनता को अधिक कीमतों में बेचा जा रहा है। आखिर क्यों? छत्तीसगढ़ में लगभग 16 लाख बोरी सीमेंट प्रति माह उपयोग हो रहा है। अगर 65 रुपए बढ़ी हुई दर को ही मान लिया जाए तो सीमेंट के नाम पर 104 करोड़ रूपए से अधिक की राशि प्रति माह खेल हो रहा है। अवैध वसूली भूपेश टैक्स के रूप में हो रही है।

अग्रवाल ने कहा कि राज्‍य सरकार ने 12 लाख से अधिक गरीबों का प्रधानमंत्री आवास छीन लिया अब दूसरी तरफ गरीबों के आवास बनाने के लिए उपयोग वाले रेत और सीमेंट की कीमत में भारी वृद्धि कर रहे हैं, जिससे गरीब घर न बना सके। प्रदेश सरकार की सीमेंट व रेत के कीमत में चुप्पी यह साबित करती है कि सीमेंट और रेत के कीमत उनके इशारों पर, सिंडिकेट द्वारा उनके नाम पर वसूली जा रही है।

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