CEC In Press Conference Raipur: घर बैठे मतदान: विधानसभा चुनाव में इन लोगों को घर से मतदान करने की मिल सकती है सुविधा, जाने क्या है प्रक्रिया
CEC In Press Conference Raipur:
CEC In Press Conference Raipur: रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा (Chhattisgarh Assembly Election 2023) के चुनाव में आयोग की तरफ से कुछ लोगों को घर बैठे मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। राज्य के दौरे पर आए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आज यहां प्रेसवर्ता में यह जानकारी दी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि ऐसे मतदाता जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है, वे अपने घर से ही मतदान कर सकते हैं। बुजुर्गों के साथ ही यह सुविधा 40 प्रतिशत से अधिक द्विव्यांगता वाले वोटरों को भी मिलेगी।
जाने क्या है घर बैठे मतदान करने की प्रक्रिया
घर बैठे मतदान की पत्रता रखने वाले वोटरों यानी 80 से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत से अधिक द्विव्यांगता वाले वोटरों को इस सुविधा का लाभ लेने के लिए नामांकन खत्म होने के पांच दिन के भीतर एक फार्म भरना होगा। यह फार्म का नाम 12 डी है। सही ढंग से भरने के बाद, मतदान की अधिसूचना के पांच दिनों के भीतर बीएलओ के पास जमा करना होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां आयोजित प्रेसवार्ता बताया कि शराब कैश आदि रोकने के लिए हमें आम नागरिकों की सूचना चाहिए। सीविजिल एप के जरिये नागरिक कहीं भी हो रही किसी भी गड़बड़ी की सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा कोई जानकारी नहीं देने की जरुरत नहीं है। सूचना देने के 100 मिनट के अंदर आयोग की टीम वहां पहुंचकर जांच करेगी। इसके लिए पहचन बताने की जरुरत नहीं है।
राजनीति दलों और प्रत्याशियों के लिए यह सुविधा: सुविधा पोर्टल के जरिये प्रत्याशी आवेदन कर सकते हैं। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर अनुमति दी जाएगी।
अपने प्रत्याशी को जाने: वे कितनी बार चुनाव लड़ चुके हैं। अपराध कितने दर्ज हैं आदि प्रत्यााशी को बताना है। अगर किसी के खिलाफ अपराधीक मामले हैं तो उन्हें तीन बार समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित करनी होगी।
राजीव कुमार ने बताया कि राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने और विलोपित कराने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी। बिना आवेदन के किसी का नाम नहीं हटेगा। मृत्यु के प्रकरणों में प्रमाण पत्र देना होगा। राजनीतिक दलों की मांग पर मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। अब मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 2 अक्टूबर 2023 को होगा। अभी तक 31 अगस्त की समय सीमा तय था। मतदाता सूची के लिए अब 11 सितंबर तक आवेदन किया जा सकता है। राजनीतिक दलों ने गाड़ी की अनुमति बढ़ाने का आग्रह किया था। उनके अनुसार वाहन सामग्री वितरण के लिए एक गाड़ी प्रर्याप्त नहीं है। राजीव कुमार ने बताया कि हमने 4 वाहन उपयोग की अनुमति दे दी है।सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस की 23 चेक पोस्ट, आबकारी 31 सहित कुल 105 चेकपोस्ट हैं। सभी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा आदि की व्यवस्था करने को कहा है। विभिन्न एजेंसियाें को एक दूसरे के साथ समन्वय के साथ काम करने और सूचनाओं के अदान- प्रादन के निर्देश दिए गए हैं।
बहुत सारी निजी एयरपोर्ट और हैलीपैड हैं। सभी स्थानों पर चेंकिंग होगी। यह निर्देश प्रशासन को दिया गया है। यह एसओपी जारी की जा रही है। विमानों की पूरी सूचना आयोग और जांच एजेंसियों को दी जाएगी। यह भी निर्देश दिया गया है कि छोटे-छोटे लोगों को पकड़कर खानापूर्ति न हो।
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रायपुर। निर्वाचन आयोग के फुल बोर्ड ने आज सूबे के कलेक्टर, एसपी की बैठक ली। इसमें खास तौर से बड़े जिलों के कलेक्टर, एसपी टारगेट पर रहे। पूरे दिन उनकी खिंचाई होती रही। बार बार दो टूक चेतावनी भी...नहीं करोगे तो हटा दिए जाओगे। अलबत्ता, कांकेर की कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला और सारंगढ़ कलेक्टर फारिया आलम सिद्दकी दो ऐसे कलेक्टर रहीं, जिन्हें आयोग से शबासी मिली। दोनों ने अंग्रेजी में अपना प्रेजेंटेशन दिया...आयोग ने कहा, गुड।नया रायपुर के मेफेयर होटल में हुई इस बैठक को आधा दर्जन बड़े जिलों के कलेक्टर, एसपी कभी भूला नहीं पाएंगे। निर्वाचन आयोग ने उन्हें सीधे इनकंपिटेंट तो नहीं कहा, मगर बहुत कुछ कह दिया। छोटे जिलों के कलेक्टर, एसपी किस्मती रहे या आयोग ने उन्हें अहमियत नहीं दी। आयोग का पूरा फोकस बड़े जिलों के कलेक्टर, एसपी पर था। बड़ी बारीकी से चीजों को पकड़ी जा रही थी। एक जिले के एसपी से आयोग ने पूछ दिया, देशी शराब आप ज्यादा पकड़ रहे, अंग्रेजी क्यों नहीं। एक बार्डर जिले के एसपी ने मध्य प्रदेश से शराब तस्करी की बात कही तो आयोग ने खिंचाई कर दी, आप क्या कर रहे हो। एसपी ने कहा, हमारा बार्डर महाराष्ट्र पड़ता है, मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र होते शराब आ रही। आयोग ने इस पर एसपी की जमकर क्लास ले ली। आयोग का कहना था कि कर्नाटक में चुनाव के दौरान अफसरों ने लगातार कार्रवाई की, छत्तीसगढ़ में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। आयोग इस पर भी सवाल उठाया कि बाहरी एजेंसियां यहां कार्रवाई कर रही है, आप लोग क्यों चुप बैठे हो। इस खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें-
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार का जीवन परिचय, जानिए चुनाव आयोग से पहले कहां थे
राजीव कुमार का जन्म 19 फरवरी 1960 को हुआ था। वे बिहार कैडर के 1984 बैच के आईएएस अफसर हैं। बिहार से झारखंड राज्य अलग होने के बाद उन्होंने झारखंड कैडर चुन लिया था। उन्होंने बीएससी के बाद एलएलबी पीजीडीएम और पब्लिक पॉलिसी में मास्टर से डिग्री हासिल की है। वह बिहार में प्राथमिक शिक्षा उद्योग विभाग के डायरेक्टर रह चुके हैं इसके अलावा कई जिलों में कलेक्टर भी रह चुके हैं। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालय और विभागों में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। भारत सरकार के वित्त सचिव और डिपार्मेंट आफ फाइनेंशियल सर्विसेज के सचिव के तौर पर उन्होंने बैंकिंग बीमा और पेंशन रिफॉर्म में योगदान दिया है। काले धन पर रोक लगाने हेतु इन्होंने हजारो शेल कंपनियों के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए थे। राजीव कुमार आर्थिक खुफिया परिषद के सदस्य वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के सदस्य रहे हैं। इसके अलावा बैंक बोर्ड ब्यूरो के सदस्य फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर रेगुलेटरी अप्वाइंटमेंट्स सर्च कमेटी के भी मेंबर रहें हैं। इस खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें-