Bilaspur High Court: खेतों में लग रहे बिजली के झटके: केंद्र सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, अफसरों को किया तलब..
Bilaspur High Court: रतनपुर क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में करंट के कारण किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है। खेतों में लगे हाईटेंशन टावर के कारण बिजली का झटका लग रहा है। मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच के सामने केंद्र सरकार ने जवाब पेश किया। केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सालिसिटर जनरल ने ऐसा क्या जवाब पेश किया है जिसे पढ़ और सुनकर कोर्ट नाराज हो गया। नाराज कोर्ट ने बुधवार को केंद्र व राज्य शासन के अलावा पावर ग्रिड कंपनी के अफसरों को तलब किया है।
Bilaspur High Court: बिलासपुर। रतनपुर क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में करंट के कारण किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है। खेतों में लगे हाईटेंशन टावर के कारण बिजली का झटका लग रहा है। मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच के सामने केंद्र सरकार ने जवाब पेश किया। केंद्र सरकार की ओर से पेश जवाब को पढ़कर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप किसी कंपनी को सिर्फ लाइसेंस जारी कर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। नाराज चीफ जस्टिस ने बुधवार को भी जनहित याचिका की सुनवाई का निर्देश दिया है। केंद्र व राज्य शासन के अलावा पावर ग्रीड कंपनी के अफसरों को तलब किया है।
मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई प्रारंभ हुई। केंद्र सरकार ने अपने विधि अधिकारी के माध्यम से जवाब पेश किया। केंद्र की ओर से पेश जवाब में कहा गया है कि हमने पावर ग्रिड को सिर्फ लाइसेंस जााी किया है। पावर ग्रीड कंपनी के अफसरों ने कहा होता तो पहले हम उस जगह का सर्वे करावते जहां ग्रिड के अफसरों को हाईटेंशन लाइन के लिए टावर खड़ी करना है। केंद्र सरकार के इस जवाब से कोर्ट नाराज हो गया। नाराजगी जताते हुए कहा कि सिर्फ विभागीय और तकनीकी औपचारिकता जारी कर देना ही पर्याप्त नहीं है। अगर आपके द्वारा संबंधित कंपनी को लाइसेंस जारी किया जा रहा है तो जितनी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की है उतनी ही आपकी। ना तो आप और ना ही संबंधित कंपनी अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं। नाराज चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार ने तकनीकी और अन्य पहलुओं को सामने रखते हुए शपथ पत्र के साथ विस्तृत जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश जवाब के साथ ही डिवीजन बेंच में पीआईएल की सुनवाई प्रारंभ होगी।
रतनपुर क्षेत्र के गांवों में खेतों में करंट के झटके लगने से किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है। इस आशय की खबर मीडिया में प्रकाशित हुई थी। इसे चीफ जस्टिस ने स्वत:संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रुप में रजिस्टर्ड कराने का आदेश रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय को दिया था। चीफ जस्टिस के निर्देश पर इसे पीआईएल के रूप में रजिस्टर्ड कर सुनवाई प्रारंभ की गई है।
पावर ग्रिड कंपनी के अफसरों से मांगी थी रिपोर्ट
जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने हाई टेंशन तार बिछाने वाली सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कार्पोरेशन व बिलासपुर में काम को पूरा करने वाली जबलपुर ट्रांसपोर्टेशन कंपनी के इंजीनियरों को रतनपुर क्षेत्र के उन एक दर्जन गांवों का दौरा करने और सर्वे रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस ने इंजीनियरों से यह भी कहा था कि करंट के झटकों के कारणों का पता लगाने के साथ ही इस तरह की समस्या को कैसे और कब तक हल किया जा सकता है इस संबंध में भी रिपोर्ट पेश करने निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस ने पूरी रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ पेश करने कहा था।