Bilaspur High Court: सिम्स के कर्मियों को हाई कोर्ट से राहत: कोर्ट ने दी काम करने की छूट...

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Update: 2024-07-31 15:52 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। सिम्स की नर्सों व अन्य कर्मचारियों को एकतरफा कार्यमुक्त किए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता कर्मियों को सिम्स में काम करने की छूट दी है। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

सिम्स की कर्मचारी गीता हालदार, दमयंती कश्यप, शारदा यादव वी लक्ष्मी राव सिम्स के प्रारंभ वर्ष 2001 से भी पहले से अपनी सेवाएं दे रही हैं। वर्ष 2001 में जब सिम्स प्रारंभ हुआ तब उन्हें गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर रहना माना लिया था। शासन ने यह आदेश जारी करते समय कर्मचारियों से उनका अभिमत नहीं लिया।

वर्ष 2006 में सिम्स को पुनः शासन ने अधिग्रहित कर लिया और याचिकाकर्ताओं की सेवाएं संचालक, चिकित्सा शिक्षा में पुनः प्रतिनियुक्ति पर दे दी गईं। तब से याचिकाकर्ता सिम्स में ही निरंतर सेवाएं दे रही हैं। 28 जून 2024 को सिम्स प्रबंधन ने याचिकाकर्ताओं को कार्यमुक्त कर दिया और उन्हें मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में ज्वाइनिंग देने निर्देश जारी कर दिया। मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी ने इन कर्मचारियों को ज्वाइनिंग देने से इस आधार पर इनकार कर दिया कि उन्हें ऐसा कोई आदेश शासन से प्राप्त नहीं हुआ है।

दोतरफा आदेश से बढ़ी परेशानी

शासन के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता सलीम काजी व फैज़ काजी के माध्यम से याचिका दायर कर कहा कि सिम्स प्रबंधन सर्विस लॉ का मखौल उड़ा रहा है। बिना कर्मचारियों की मंशा जाने उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग में कार्य करने हेतु आदेशित कर रहे हैं जो कि प्राकृतिक न्याय सिद्धान्त के विपरीत होने के साथ साथ कर्मचारी के संवैधानिक अधिकारों का भी हनन है। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सिम्स में कार्य करने की छूट दी है। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

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