Bemetara Blast: बेमेतरा ब्लास्ट: एफआईआर दर्ज: एसआई की रिपोर्ट पर नामजद दर्ज हुआ प्रकरण, पढ़ें- क्या है घटना को लेकर पुलिस की रिपोर्ट
Bemetara Blast: बेमेतरा स्थित बारुद फैक्ट्री में हुए विस्फोट के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। यह रिपोर्ट एक पुलिस उप निरीक्षक ने दर्ज कराया है। एफआईआर में घटना का विवरण भी दिया गया है।
Bemetara Blast: बेमेतरा। बेरला स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी में 25 मई को हुए भीषण विस्फोट के मामले में अंतत: पुलिस ने घटना के 4 दिन बाद एफआईआर दर्ज कर लिया है। यह एफआईआर सरकार की तरफ से उप निरीक्षक मयंक मिश्रा ने दर्ज कराया है। मिश्रा कंडरका पुलिस चौकी के प्रभारी हैं। स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी कंडरका पुलिस चौकी से करीब 19 किलो मीटर दूर है। ब्लास्ट मामले में यह एफआईआर 29 मई शाम 7 बजे दर्ज की गई है। इसमें कंपनी प्रबधन से जुड़े एक व्यक्ति को नामजद करते हुए अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
पुलिस ने अपने एफआईआर में जिस एक व्यक्ति को नामजद आरोपी बनाया है उनका नाम अवधेश जैन है। एनआईटी, रायपुर से बीई (खनन) करने वाले जैन कंपनी के डायरेक्टर हैं। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार घटना 25 मई सुबह करीब 7 बजे की है। घटना में घायल 7 लोगों केा ईलाज के लिए रायपुर भेजा गया था, जिसमें से एक व्यक्ति राम साहू (50) की मौत हो गई। वहीं, घटना के बाद से 8 लोगों के गायब हैं। पुलिस ने इस मामले में मर्ग और गुम इंसान पहले ही कायम कर लिया था। अब अवैध जैन सहित अन्य के खिलाफ धारा 286, 337, 304 (ए) के साथ ही विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 9बी और 9सी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
आईपीसी की इन धाराओं में अधिकतम 2 वर्ष की सजा
कंपनी प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की 3 धाराओं एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें 304 (ए) गैर इरादतन हत्या, 286 विस्फोटक पदार्थ के भंडारण में लापरवाही और 337 लापरवाही पूर्ण काम जिससे दूसरे की जान को खतरा उत्पन्न हो। 304 (ए) में अधिकतम दो वर्ष की सजा व जुमार्ना का प्रवधान है, जबकि बाकी दोनों धाराओं में अधिकतम छह महीने की जेल या जुर्माना हो सकता है। तीनों ही धाराओं में सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है। वहीं, विस्फोटक अधिनियम की जो धाराएं लगाई गई है उनमें अधिकतम 3 वर्ष की जेल व जुर्माना या दोनों एक साथ हो सकता है।
एफआईआर दर्ज नहीं होने पर हो रही थी राजनीति
घटना के 4 दिन बाद भी इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल लगातार सवाल उठा रहे थे। बघेल इस मामले में एक के बाद एक लगातार एक्स पोस्ट करके सवाल खड़ा कर रहे थे। बघेल ने इस घटना को लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों की कटिंग शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट किया हि हम सब शर्मिंदा हैं। इससे पहले उन्होंने घटना से जुड़े सबूत मिटाने का आरोप लगात हुए एक्स पर पोस्ट किया- सबूत मिटाए जा रहे हैं सांय-सांय। मज़दूरों की जान के सौदागर कौन हैं? किसे बचा रहे हैं “सुशासन” और “गारंटी” ।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने घटना पर सवाल उठाया है। उन्होंने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया में एक पोस्ट करके बेमेतरा की घटना पर सवाल करते हुए लिखा है जवाब तो देना होगा।
पूर्व सीएम बघेल ने इस घटना को लेकर सरकार ने 5 साल किए हैं।
1. 48 घंटे बाद भी घटना की अब तक FIR क्यों नहीं?
2. क्या प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन से पूछा है कि घटना वाले दिन कितने मजदूर वहां काम पर गए थे?
3. अब तक कितने मजदूर लापता हैं क्योंकि प्रशासन के 8 लोगों के दावे को तो ग्रामीण नकार रहे हैं।
4. क्षमता से अधिक रखी विस्फोटक सामग्री को क्यों निकाला जा रहा है? जाँच में विस्फोटक सामग्री की क्या मात्रा दर्ज की जाएगी?
5. प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को जो मुआवज़ा देने की घोषणा की है उसे तो लेने से ग्रामीणों ने इनकार कर दिया है। क्या प्रशासन मुआवजा बढ़ाएगा?
बघेल ने आगे लिखा है कि इस दिल दहलाने वाली घटना में मृतकों के शरीर के चीथड़े उड़ गए हैं। शरीर के अंगों को पॉलीथिन में जमा करके DNA जाँच के लिए भेजा गया है। लेकिन इतने भयावह हादसे के बाद अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है। बता दें कि बेमेतरा फैक्ट्री में हुए ब्लॉस्ट में कई लोगों के मारे जाने की चर्चा है, लेकिन अब तक एक के भी मौत की पुष्टि नहीं हो पाई है। मौके से शवों के टुकड़ें मिले हैं, जिनकी डीएनए जांच कराई जा रही है।