AUDIO : तुम लोग मेरे को जानते हो कि नहीं……मैं कौन हूं ! समूह की महिलाओं को निगम के अफसर का धौंस……जैविक खाद बिक्री को लेकर कृषि और निगम निगम हुआ आमने-सामने

Update: 2021-03-12 01:55 GMT

कोरबा 12 मार्च 2021। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार गोधन न्याय योजना को शुरू कर जैविक खेती को बढ़ावा देने में जुटी है, लेकिन कोरबा में अफसर हैं कि सरकारी की इस महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे….ताजा मामला कोरबा नगर निगम क्षेत्र का है, जहां निगम के एक अफसर के फरमान ने…. न केवल किसानों की, बल्कि गोठान में काम करने वाली समूह की महिलाओं को भी परेशानी कर दिया है।

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गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की मंशा रही है कि गाय के गोबर से खाद बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाये, वही गोठानो में महिलाओं के जरिये तैयार होने वाले इस जैविक खाद से महिलाओ की आर्थिक दशा भी सुधारी जा सके। लेकिन कोरबा के नगर निगम क्षेत्र में जैविक खाद किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के आहवान के बाद कृषि विभाग किसानों को जैविक खाद के प्रयोग को लेकर लगातार जागरूक कर रहा है। जिसके बाद कोरबा नगर निगम क्षेत्र के किसान जैविक खाद खरीदने के लिए बकायदा सोनपुरी स्थित सोसायटी में पैसा जमाकर पर्ची कटा रहे है, लेकिन पर्ची कटने के बाद भी निगम के गोकुल नगर स्थित गोठान में बने खाद विक्रय केंद्र में किसानों को खाद देने से इंकार कर दिया जा रहा है।

किसानों की माने तो नोडल अफसर मनोरंजन सरकार के फरमान के बाद गोठान समिति की महिलाए पर्ची कटने के बाद भी किसानों को जैविक खाद देने से इंकार कर ही है। वहीं जब इस पूरे मामले पर गोकुल नगर गोठान समिति की अध्यक्ष से जानकारी चाही गई, तो वो भी लाचार नजर आई। समिति की अध्यक्ष की माने तो नगर निगम के एक्सक्यूटिव इंजीनियर मनोरंजन सरकार जो कि गोठान के नोडल अफसर है उन्होंने बना उनसे पूछे किसी भी किसानों को खाद देने से मना किया है।

निगम के इस अफसर का एक आडियों भी वायरल हो रहा है, जिसमे वह महिला को फटकार लगाते हुए अपने पद का धौंस दिखाकर उनसे पूछे बगैर खाद नही देने की बात कह रहे है। गौरतलब है कि सूबे की भूपेश बघेल सरकार किसानों का सक्ष्म बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। लेकिन कोरबा नगर निगम के अफसर के फरमान के बाद अब ना केवल किसान परेशान हो रहे है, बल्कि सरकार की मंशा पर भी पलीता लग रहा है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि इस पूरे मामले पर कोई कार्रवाई की जाती है, या फिर किसान परेशान होते रहते है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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