विधानसभा सत्र : सदन ने अजीत जोगी को किया याद…मुख्यमंत्री बोले- अजीत जोगी जीवट राजनेता थे…. धरमलाल कौशिक, धरमजीत सिंह, अजय चंद्राकर सहित कई लोगों ने जोगी के योगदान व व्यक्तित्व को किया याद

Update: 2020-08-25 07:41 GMT

रायपुर 25 अगस्त 2020। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। कोरोना की वजह से इस बार कई तरह की पाबंदियां विधानसभा में रखी गयी है। आज सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्यों को सदन ने याद किया। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को सदन में श्रद्धांजली दी गयी, वहीं पूर्व मंत्री डेहरू प्रसाद धृतलहरे, बलिहार सिंह के साथ-साथ पूर्व सांसद रजनीगंधा देवी व चीन सीमा पर शहीद जवानों को भी सदन में याद किया गया।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने अजीत जोगी की स्मृतियों को याद करते हुए उन्हें बहुआयामी प्रतिभा का धनी बताया। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के उत्थान में अनेकों काम किया, वहीं विधानसभा संचालन के दौरान उनके मिले सुझाव काफी महत्वपूर्ण रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हे जीवट बताते हुए, उनके साथ संस्मरणों को याद किया। भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी प्रशासनिक पकड़ और बुद्धिमता काफी प्रभावी थी। उन्होंने उनकी भाषण शैली को काफी प्रभावी बताते हुए, लोगों के लिए प्रेरक और आकर्षित करने वाला बताया।

वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कोशिक ने अजीत जोगी के जनाधार वाला नेता बताते हुए, छत्तीसगढ़ की राजनीति व समाजिक क्षेत्रों में किये गये उनके कामों को याद किया। धरमलाल कौशिक ने कहा कि अजीत जोगी की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता अदभूत थी, वो शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद हमेशा सक्रिय रहे। उनकी कमी हमेशा सदन में महसूस होगी।

वहीं JCCJ के सदन में नेता धरमजीत सिंह ने उन्हें अदभूत राजनेता बताया, उन्होंने कहा कि आज के वक्त में जब हर जगह पर आरक्षण की बात होती है, तो उस दौर में अजीत जोगी एक छोटे से गांव से निकलकर देश की सर्वोच्च परीक्षा पास कर IPS और IAS दोनों बने। उन्होंने कहा कि अजीत जोगी की सबसे बड़ी खासियत ये थी कि वो किसी से बात करने में झिझकते नहीं थे, कांग्रेस से राजनीतिक तौर पर गहरे मतभेद के बाद भी जब पहली बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिलासपुर पहुंचे, तो वो उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। अजीत जोगी की कार्यशैली और शुरुआती वक्त में प्रदेश में उनकी कार्यशैली को धरमजीत सिंह ने प्रदेश के लिए मजबूत बुनियाद बताया।

वहीं अजय चंद्राकर ने अजीत जोगी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि फैसले और चुनौतियों से कभी घबराते नहीं थे। उन्होने कहा कि अजीत जोगी जब तक रहे काफी सक्रियता के साथ राजनीति की, ऐसे नेता की कमी हमेशा छत्तीसगढ़ महसूस करेगा। अजय चंद्राकर ने अजीत जोगी को हमेशा पिछड़ा और शोषितों की आवाज बनकर काम करते रहे।

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